लोकआस्था का महान पर्व छठ का व्रत करती हैं प्रधानमंत्री की धर्मपत्नी यशोदा बेन. आखिर कौनसी मन्नत पूरी होने के लिए वह ये व्रत करती हैं?
शिवानंद गिरि
ये खुलासा बेगूसराय में पत्रकारों से बात करती हुई खुद यशोदा बेन ने किया. उन्होंने स्वीकार किया कि उन्हें अपने पति और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने की पूरी उम्मीद है. अपना अधिकतर समय पूजा -पाठ में व्यतीत करने वाली यशोदा बेन को आज भी पीएम मोदी से मिलने की उम्मीद है.
टूटी- फूटी हिन्दी बोलने वाली यशोदा बताती है कि वह जल्द ही अच्छी हिन्दी बोलने लगेंगी.इसके लिए वे अपने परिजनों से सीखना भी शुरू कर दिया है. चाय नहीं बल्कि कॉफी पीने की शौकीन यशोदा बेन को भले ही नरेन्द्र मोदी का सानिध्य नहीं मिल रहा हो लेकिन वो अपने पति नरेन्द्र मोदी की सलामती व अत्यधिक दिन प्रधानमंत्री बने रहने की दुआ देवी- देवताओं से करती रहती हैं.
हंसमुख स्वभाव की यशोदा बेन बेगूसराय में आयोजित भामाशाह की जयंती में शिरकत करते हुए भी पीएम मोदी के ही विचारों का संकल्प दोहराया.
उन्होंने बेटी बचाओ-बेटी पढाओं के नारे पर जोर देते हुए कहा कि विकसित समाज के लिए महिला को शिक्षित होना बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा कि मैं न कोई राजनीतिक लोग हूं बल्कि एक सामाजिक महिला हूं और हमेशा समाज के लिए सोचती रहती हूं.
बिहार में मिले मान -सम्मान से आह्लादित यशोदा ने कहा कि कई जगह गई हूं लेकिन मुझे इतना प्यार व सम्मान नहीं मिला, मैं जिंदगी भर इसे नहीं भूल पाऊंगी.
यशोदा बेन के बिहार आगमन पर पटना में भले ही बीजेपी के कई नेता अलग थलग रहें हो लेकिन बेगूसराय में उनके कार्यक्रम में बीजेपी के सांसद भोला सिंह व बीजेपी के राष्ट्रीय मंत्री व एमएलसी रजनीश कुमार व पूर्व विधायक श्रीकृष्ण सिंह ही नजर आए जबकि अन्य दलों के नेता आमंत्रण के बावजूद अपने को अलग रखा. मंच पर मौजूद बीजेपी नेताओं ने न सिर्फ उनके गुणों के कशीदे गढ़ें बल्कि तैलिक समाज को अपना वोट बैंक तक करार दिया.
सांसद भोला सिंह ने तो उन्हें न सिर्फ त्याग और बलिदान की देवी करार देते कहा कि उनकी मांग की सिंदूर, भारत मां के मांग की सिंदूर जैसा है.उन्होंने कहा कि यशोदा के त्याग से ही देश को ऐतिहासिक प्रधानमंत्री मिला.
गांधी स्टेडियम मेंं आयोजित इस कार्यक्रम से पूर्व बैंड – बाजे, घोड़ा आदि के साथ एक शोभा यात्रा निकाली गई जिसमें सवार यशोदा बेन ने अपनी व्यवहार से लोगों का दिल जीत लिया.