प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज पूरे देश को एक परिवार बताते हुए देशवासियों से जातिवाद, सम्प्रदायवाद, भ्रष्टाचार और गंदगी से मुक्त ‘स्वच्छ भारत’ बनाने का आह्वान किया।
श्री मोदी ने मोतिहारी के गांधी मैदान में चम्पारण सत्याग्रह शताब्दी के समापन समारोह में ‘सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह’ अभियान के तहत देशभर से आये करीब 20 हजार और देश के अन्य हिस्सों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े लाखों स्वच्छाग्रहियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह देश सवा करोड़ लोगों का एक परिवार है, जिसमें जातिवाद, सम्प्रदायवाद, भ्रष्टाचार और गंदगी के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि समाज में ये जो कमियां है उसे दूर कर ही हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को उनकी 150वीं जयंती पर वर्ष 2019 में सच्ची श्रद्धांजलि दे सकेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार समाज में स्वच्छता के प्रति जागरुकता और एक परिवार की तरह आपसी प्रेम से रहने की भावना को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है।
उनकी सरकार का मूल मंत्र ही ‘सबका साथ सबका विकास’ है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान हो, काला धन या भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई या फिर आम जन की सुविधाओं की बात हो, केंद्र और बिहार की नीतीश सरकार की नीतियां एक समान हैं। दोनों सरकारें मिलकर गरीबों के लिए काम कर रही है। इस अवसर पर श्री मोदी ने उत्कृष्ट काम करने वाले 10 स्वच्छागृहियों को पुरस्कृत किया। उन्हेें 51-51 हजार रुपये, प्रमाणपत्र और शॉल भेंट किये गये।
प्रधानमंत्री ने कहा कि चंपारण सत्याग्रह शताब्दी समारोह के समापन से ज्यादा यह स्वच्छता के प्रति हमारे आग्रह को और बढ़ाने की शुरुआत है। बिहार को इसके लिए चुने जाने के संबंध में उन्होंने कहा कि बिहार तीन बार कसौटियों के समय खरा उतर चुका है। गुलामी के समय इसने मोहनदास को बापू बना दिया। आजादी के बाद जब किसानों के सामने भूमि संकट उपस्थित हुआ तो विनोबा भावे ने भूदान आंदोलन चलाया और उसके बाद जब लोकतंत्र पर संकट आया तो जयप्रकाश जी ने आंदोलन खड़ा कर देश को बचा लिया। उन्होंने कहा कि पिछले एक सप्ताह के दौरान ही बिहार में स्वच्छता का प्रतिशत 50 से ऊपर पहुंच चुुका है और आंकड़े साबित करते हैं कि शायद जल्द ही यह राष्ट्रीय औसत की बराबरी करने में सफल होगा।