संसद के बजट सत्र में विपक्ष के नोटबंदी के मुद्दे को जोर शोर से उठाये जाने के ऐलान के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभी राजनीतिक दलों से अपील की है कि चुनाव के समय कुछ मुद्दों पर मतभेद के बावजूद संसद में सार्थक बहस होनी चाहिए और सरकार इसके लिए तैयार है।
श्री मोदी ने संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार द्वारा बजट सत्र से एक दिन पहले बुलाई गयी सर्वदलीय बैठक में राजनीतिक दलों के नेताओं से यह अपील की। श्री कुमार ने बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री ने सभी नेताओं से कहा कि संसद देश की महापंचायत है और सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा चाहती है। सभी दलों को इसमें अपनी बात रखनी चाहिए जिससे कि संसद को नेताओं के अनुभव का लाभ मिले। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के समय कुछ गिले शिकवे हो सकते हैं, लेकिन मतभेदों के बावजूद मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए जिससे लोकतंत्र की गरिमा बनी रहे।
संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि सभी विपक्षी दलों की भी एक ही राय है कि संसद सुचारू ढंग से चले और बजट सत्र के दोनों हिस्सों में सार्थक बहस हो। उन्होंने कहा कि पहले चरण में राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ साथ आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत किया जायेगा और बजट पेश किया जायेगा। लोकसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि विपक्ष चाहता है कि बजट सत्र के पहले चरण में ही नोटबंदी के मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने केंद्र सरकार को आगाह किया कि वह बजट में चुनाव वाले पांच राज्यों के बारे में लोकलुभावन घोषणा नहीं करे।