प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा चुनावी हलफनामे में सम्पत्ति का ब्योरा छिपाये जाने को लेकर उच्चतम न्यायालय में सोमवार को एक जनहित याचिका दायर की गयी।
एक पूर्व पत्रकार साकेत गोखले ने एक जनहित याचिका दायर की है जिसमें उन्होंने गुजरात सरकार की भूमि आवंटन नीति के तहत उठाये गये लाभ का हवाला देते हुए कहा है कि श्री मोदी ने अपने हलफनामों में उस सम्पत्ति का जिक्र नहीं किया है।
याचिका में कहा गया है कि श्री मोदी ने 2002 में इस नीति से लाभ उठाया। उन्हें 25 अक्टूबर 2002 को गांधीनगर सिटी में 13 लाख रुपये की मामूली रकम पर जमीन मिली थी। बाद में उस भूमि आवंटन को लेकर विवाद हुआ था।