पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम संदेश में बड़ी सहजता से स्वीकार कर लिया है कि नोटबंदी से बिगड़े हालात अभी नहीं सुधरें हैं. उन्होंने कहा कि कोशिश जारी है और आने वाले दिनों में स्थिति सामान्य हो जायेगी. हालांकि मोदी ने हालात कितने दिन में सामान्य होंगे यह नहीं बताया.
गौरतलब है कि आठ नवम्बर को राष्ट्र के नाम संबोधन में पीएम ने 50 दिन में हालात सामान्य होने की बा कही थी. लेकिन उन्होंने इस बार स्वीकार कर लिया है कि अभी हालात सामान्य नहीं हुए हैं. मोदी ने संबोधन में कहा कि अर्थव्यवस्था में कैश की कमी एक बड़ी विपत्ती है. लेकिन इस गंभीर समय में देश की जनता ने धैर्य से काम लिया.
मोदी ने अल्लामा इकबाल के शेर की एक लाइन दोहराई और कहा कि कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी.
मोदी ने कहा कि कालाधन, आतंकवाद और भ्रष्टाचार को लगाम लगाने के लिए यह कदम उठाया गया था लोगों ने इस मौके पर अप्रतीम सब्र का नमूना पेश किया.
बजट भाषण जैसा
मोदी ने अपने भाषण को ऐसे प्रेजेंट करने की कोशिश की जैसे वह बजट भाषण दे रहे हों. उन्होंने गर्भवती महिलाओं और सीनियर नागरिकों के लिए सुविधाओं का ऐलान किया. कहा कि गर्भवती महिलाओं को छह हजार रुये देये जायेंगे. जबकि बुजुर्गों की बचत पर आठ प्रतिशत का व्याज दिया जायेगा. हालांकि मोदी ने यह नहीं बताया कि नोटबंदी से कितने कालाधन वापस आये.
मोदी ने राजनीतिक दलों के चंदे पर परोक्ष बोलते हुए कहा कि अब बहस की जरूरत है कि राजनीतिक दलों को भी अपने बारे में सोचना होगा. उन्होंने चुनाव सुधारों पर भी बहस चलाने की बात की पर कोई ठोस नीति पर बात करने से बचे.
केजरीवाल
उधऱ अरविंद केजरीवाल ने ट्विट कर कहा है कि मोदी जी ने पूरे देश को धोखा दिया। एक पैसा काला धन नहीं मिला, भ्रष्टाचार में कोई कमी नहीं आयी। मोदी जी की विश्वसनीयता पूरी तरह ख़त्म