केंद्रीय उपभोक्‍ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान के निर्देश पर एक उच्‍च स्‍तरीय केंद्रीय टीम ने शेखपुरा में जागो मांझी की कथित रूप से भूख से मौत को देखते हुए राज्‍य में पीडीएस की समीक्षा करने के लिए दौरा किया। भारत सरकार के खाद्य मंत्रालय में संयुक्‍त सचिव दीपक कुमार के नेतृत्‍व में इस टीम ने राज्‍य के वरिष्‍ठ अधिकारियों के साथ पीडीएस के विभिन्‍न पहलुओं की समीक्षा की। टीम ने पाया कि कुछ जिलों में खाद्यान्‍नों का समय से उठान न होने से पीडीएस लाभभोगियों को समय पर राशन नहीं मिल पा रहा है। राज्‍य सरकार ने अभी तक राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के लाभार्थियों के आंकड़े पीडीएस पोर्टल पर अपलोड नहीं किए हैं जो कि सब्सिडाइज्‍ड खाद्यान्‍नों के आबंटन के लिए एक अनिवार्यता है। इससे अभी भी बड़ी संख्‍या में बिहार में लोगों को 2 रुपए किलोग्राम की दर से गेहूं और 3 रुपए किलोग्राम की दर से चावल नहीं मिल पा रहा है।    

 

मंत्री रामविलास पासवान ने दिया था निर्देश

 

केन्‍द्रीय टीम की समीक्षा के बाद बिहार सरकार से कहा गया है कि वह भारतीय खाद्य निगम के गोदामों से खाद्यान्‍नों का समय पर उठान सुनिश्चित करे ताकि माह के प्रारंभ में ही  खाद्यान्‍न राशन की दुकानों तक पहुंच जाएं। राज्‍यों से यह भी कहा गया है कि वे राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के सभी लाभभोगियों का डाटा राज्‍य के पीडीएस पोर्टल पर अपलोड करें।

 

केंद्र टीम को यह बताया गया कि खाद्यान्‍नों के उठान की समस्‍या केवल पटना, अररिया, भोजपुर,भागलपुर और सहरसा जिलों में ही पेश आ रही है। इन जिलों में अनियमितताओं की शिकायतों के आधार पर गोदामों में छापे मारे गए और कुछ निजी ट्रांस्‍पोर्टरों के लाइसेंस निलंबित कर दिए गए थे। अब राज्‍य सरकार खाद्यान्‍नों की ढुलाई राज्‍य नागरिक आपूर्ति निगम के माध्‍यम से कर रही है। कुछ जिलों में भारतीय खाद्य निगम के गोदाम उपलब्‍ध न होने के कारण, खाद्यान्‍नों का उठान पड़ोसी जिलों से किया जा रहा है जिसके चलते सुपुर्दगी में देरी हो रही है। केंद्र ने भारतीय खाद्य निगम और राज्‍य सरकारी एजेंसियों से इस विलम्‍ब से बचने के उपाय तलाशने के लिए कहा है।

 

By Editor


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