केन्द्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने कहा है कि केन्द्र सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के कार्यों को पारदर्शी और लीकप्रूव बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। पटना में उन्होंने इन प्रयासों से उत्साहजनक परिणाम मिलने शुरू हो गए हैं और बड़ी संख्या में अपात्र/जाली राशन कार्डों को समाप्त किए जाने के कारण पिछले 2वर्षों के दौरान लगभग 10 हज़ार करोड़ रुपए की खाद्य सब्सिडी को बेहतर ढंग से लक्षित किया गया है।
राष्ट्रीय संगोष्ठी और प्रदर्शनी आयोजित
सरकार के दो वर्ष पूरे होने पर अपने मंत्रालय की उपलब्धियों के बारे में एक सेमीनार और प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए श्री पासवान ने कहा कि केन्द्र सरकार लगातार राज्य सरकारों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली को पारदर्शी एवं उपभोक्ताओं के अनुकूल बनाने के लिए कहती रही है। इस संबंध में कम्प्यूटरीकरण के लिए 884 करोड़ रुपए की लागत से एक परियोजना शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि 25 राज्यों में राशन डीलरों को खाद्यान्नों का आवंटन ऑनलाइन किया जा रहा है। 12 राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में आपूर्ति श्रृंखला का कम्प्यूटरीकरण कर दिया गया है और सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में ऑनलाइन शिकायत निवारण सुविधा अथवा टॉल-फ्री हैल्पलाइन शुरू कर दी गई है।
श्री पासवान ने बताया कि सरकार भंडारण के दौरान खाद्यान्नों की बर्बादी को ‘शून्य स्तर’ पर लाने की योजना पर भी कार्य कर रही है। 6 स्थानों पर 2.5 लाख टन क्षमता के आधुनिक स्टील साइलो का निर्माण शुरू कर दिया गया है और 27 स्थानों पर इसी प्रकार के साइलो बनाए जाने का प्रस्ताव है। भारतीय खाद्य निगम के कार्यों की मॉनीटरिंग करने के लिए डिपो-ऑनलाइन शुरू कर दिया गया है और इस वर्ष जुलाई तक सभी 535 डिपो को ऑनलाइन कर दिया जाएगा। इस मौके पर भाजपा विधानमंडल दल के नेता सुशील मोदी भी मौजूद थे।