उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में पुलिस उपाधीक्षक और ग्राम प्रधान की हत्या से सनसनी है.संदेह के घेरे में मंत्री राजा भैया का ड्राइवर भी है. इस अशांत होते राज्य और इस हत्या के बारे में बता रहे हैं मोहम्मद अनस.
राजा भैय्या के ड्राइवर गुड्डू सिंह पर ग्राम प्रधान नन्हे यादव और उसके भाई एवं डी एस पी जिया उल हक की हत्या की साज़िश और हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया जा रहा है!
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ग्राम प्रधान के छोटे भाई सुधीर यादव का कहना है कि उनके भाई गांव से बाहर बाज़ार में थे तभी गोलियों से उन्हें छलनी कर दिया गया ,उसके बाद जब वो सब उन्हे अस्पताल ले कर गये तो डा. उन्हें बचा ना सके ,फ़िर वो सब लाश ले कर गांव आ गये ,हमलावार उसके बाद उनके घर पर आ धमके और फ़ायरिंग करनी शूरू कर दी ,जिसमे ग्राम प्राधान के भाई कि भी हत्या हो जाती है ,इतना कुछ होने के बाद पुलिस को खबर लगती है तो वह गांव में आती है ,सी ओ कुंडा जिया उल हक़ के साथ पुलिस के और भी लोग होते हैं पर गुड्डु सिंह और राजा भैय्या के खौफ़ की वजह से कोई भी बहादुर और जांबाज सी ओ के साथ गांव में नही घुसता ,अंदर महौल खराब हुआ जाता है ,दोनो तरफ़ से फ़ायरिंग के बीच जिया उल हक़ अकेले फंस जाते हैं.
सारे पुलिस वाले उन्हें अकेला छोड़ भाग खड़े होते हैं ,गुड्डू सिंह जो कि राजा भैय्या का ना सिर्फ़ ड्राईवर है बल्कि पिछले ग्राम सभा के चुनाव में उसके करीबी ने चुनाव लड़ा है ,ने सी ओ कुंडा जिया उल हक़ को अकेला पा कर पकड़ लेता है ,उसके बाद लगभग दो घंटे तक उनको बुरी तरह मारा पीटा जाता है.
फ़र्ज़ की रक्षा के लिये गये जांबाज़ पुलिस अधिकारी को बुरी तरह घसीटा जाता है ,कपड़े फाड़ दिये जाते हैं और हत्या कर दी जाती है.लाश चार घंटे तक गांव के मुहाने पर ,सड़क के किनारे लावारिश हलात में पड़ी रहती है ,इस दौरान जिले के अधिकारी पत्रकारों एवं आम जन का फ़ोन तक नही उठाते!
अब पूरे गांव में पी ए सी तैनात है ,इलाहाबाद के अखबारों में सीधे तौर पर ना सही पर उंगली राजा भैय्या पर ही उठायी है.
इलाहाबाद से पढ़े और अपने फ़र्ज़ की रक्षा के लिये शहीद जिया उल हक़ एक जुझारू छात्र रहें हैं ,कई प्रतियोगी पत्रिकाओं मे उनकी मेहनत और लगन एवं इमानदारी के चर्चे रहे हैं ,खुद वो सम सामायिक विषयों पर लेखन करते थे !
समाजवादी सरकार गुंडो के सामने जिस तरह से नत मस्तक हो रही है वो चिंता जनक है ,इस हत्याकांड ने अखिलेश यादव के सुरक्षित उत्तर प्रदेश और सजग उत्तर प्रदेश के दावे की पोल खोल दी है ,राजा भैय्या जैसे जघन्य आरोपी जब प्रदेश सरकार में मंत्री के पद पर बने रहे सकते हैं तो कैसी जांच और कैसा न्याय!