राज्य में मानव तस्करी के खिलाफ व्यापक स्तर पर पहल की जा रही है। इसके लिए सघन प्रशिक्षण कार्यक्रमों का भी संचालन किया जा रहा है। मानव तस्करी से पीडि़त राज्य के 20 जिलों के पुलिस पदाधिकारियों व कर्मियों के प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन पिछले 22 अगस्त से संचालित है। अब तक 17 जिलों में कार्यक्रम संपन्न हो चुका है। अन्य तीन जिलों के लिए कार्यक्रम निर्धारित है।
बिहार ब्यूरो
आइजी (कमजोर वर्ग) अरविंद पांडेय ने बताया कि इन प्रशिक्षण कार्यशालाओं के माध्यम से पुलिस पदाधिकारियों को मानव व्यापार निरोध और निवारण के संबंध में विस्तृत जानकारी दी जा रही है। इसके इग्नू ने एक शैक्षिक शिड्यूल भी बनाया गया है, जिसमें पदाधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। राज्य मानव व्यापार निरोध इकाई की पहल पर सर्वे का काम भी किया जा रहा है, ताकि इसके शिकार लोगों की वास्तविक स्थिति का आकलन किया जा सके। इस काम में मीडिया और सरकार के दूसरे विभागों से भी सहायता ली जा रही है। अब तब गया, बगहा, मधुनबनी, किशनगंज, मोतिहारी, सहरसा, अररिया, सुपौल, पूर्णिया, बेतिया, पटना, वैशाली, बेगूसराय, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, मुंगेर और सीतामढ़ी के पुलिस पदाधिकारियों के बीच प्रशिक्षण कार्यशाला संपन्न हो गया है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मानव व्यापार निरोध एवं निवारण कार्यशाला का आयोजन 8 सिंतबर को मुजफ्फरपुर में किया गया। इसका शुभारंभ तिरहुत प्रमंडल आयुक्त नमर्देश्वर लाल ने किया। उन्होंने मानव व्यापार को समाज के लिए कलंक कहा और इसके उन्मूलन की बात भी दुहरायी। जिलाधिकारी अनुपम कुमार ने कहा कि इस कार्य में पुलिस को हरसंभव सहयोग प्रदान किया जाएगा। कार्यशाला में डीआईजी अजय कुमार मिश्रा, निगरानी एसपी अनिल कुमार सिंह, एसएसपी जीतेन्द्र राणा, एएसपी राजीव कुमार भी मौजूद थे।