upendra kushwaha injured during lathi chargeupendra kushwaha injured during lathi charge

पटना पुलिस ने शनिवार RLSP के कार्यक्रताओं पर जोरदार लाठियां बरसाईं. हद तो यह हुई कि उपेंद्र कुशवाहा पर लाठियां बरसराई गयीं. वह घायल हो गये. दर्द इतना था कि वह खड़े नहीं रह पाये और जमीन पर बैठ गये. 11 नवम्बर को भी कुशवाहा के समर्थकों पर लाठियां बरसाई गयीं थीं. सवाल यहा है कि बिहार पुलिस कुशवा समाज के लोगों पर क्यों हमलावर होती रहती है?[tabs type=”horizontal”][tabs_head][tab_title][/tab_title][/tabs_head][tab][/tab][/tabs]

इर्शादुल हक, एडिटर नौकरशाही डॉट कॉम

RLSP अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने इस मामले में अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि

उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा कि, मुख्यमंत्री ने हमारे लोगों पर लाठी चलवाई है।मुझको चोट आई है, हमारे अनेक साथी घायल हुए हैं। शनिवार को उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व में पार्टी के सैकड़ों समर्थक राजभवन मार्च निकालने के लिए जुटे थे।

[box type=”shadow” align=”aligncenter” width=”400″ ]आक्रोश माच्र निकाल रहे थे कुशवाहा और उनके समर्थक पुलिस ने जोरदार तरीके से बरसाई लाठियां उपेंद्र कुशवाहा पर भी पड़ी अनेक लाठियां, सर और पीठ में आई चोट दर्जनों समर्थक भी हुए घायल[/box]

घायल कुशवाहा को पीएमसीएच ले जाना पड़ा. चोट के बाद उनका ब्लड प्रेशर भी बढ़ गया था.कुशवाहा ने कहा कि बिहार में शिक्षा व्यवस्था को लगातार चौपट किया जा रहा है। बिहार की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए हमने यह मार्च निकाला था।
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बताया जा रहा है कि कुशवाहा के सामने ही कार्यकर्ता आगे बढ़ने को अड़े हुए थे, लेकिन पुलिस उन्हें रोकना चाह रही थी। इसी बीच आरएलएसपी कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प हो गई। पुलिस का कहना है कि  आरएलएसपी कार्यकर्ताओं ने पथराव किया। जिसके बाद पुलिस ने लाठी चार्ज किया।

बड़ा सवाल

उपेंद्र कुशवाहा का कहना है कि इस मार्च के बारे में जिला प्रशासन को सूचित किया गया था. जिला प्रशासन ने इस पर कोई सूचना उनकी पार्टी को नहीं दी. जब प्रदर्शनकारी राज्यपाल से मिलने के लिए आगे बढ़े तो पुलिस ने रोका. दोनों तरफ से ठेल्लमठेल्ला हुआ. और बात यहां तक पहुंच गयी. इससे पहले 11 नवम्बर को भी ऐसी ही घटना हुई थी. तब कुशवाहा समाज के लोग प्रदर्शन के लिए निकले थे.
पुलिस का तब आरोप था कि प्रदर्शनकारियों ने रोड़े बरसाये थे. हालांकि प्रदर्शनकारियों ने इस आरोप को झूठा बताया था.
उपेंद्र कुशवाहा पिछले दो साल से बिहार सरकार को शिक्षा के सवाल पर घेरते रहे हैं. वह तब भी बिहार सरकार के सख्त आलोचक थे जब वह एनडीए का हिस्सा थे. और अब तो वह एनडीए से निकल कर महागठबंधन में शामिल हो चुके हैं. ऐसे में स्वभाविक तौर पर वह और आक्रामक हो गये हैं.
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Editorial Comment-नीतीश के डंडे से उपेंद्र कुशवाहा चित होंगे या Bounce Back करेंगे?
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यह कहना मुश्किल है कि उपेंद्र पर राजनीतिक रंजिश के कारण लाठियां बरसाई गयीं. लेकिन इतना तो तय है कि पुलिस वाले एक पूर्व केंद्रीय मंत्री पर भी लाठी चला सकते हैं तो आम प्रदर्शनकारियों की कौन पूछे.
इस मामले में बिहार सरकार को जवाब देना चाहिए. यह स्पष्ट करना चाहिए की वास्तविक स्थिति क्या थी जो कुशवाहा पर लाठी बरसाई गयी.
हालांकि पुलिस की लाठी का अपना राजनीतिक अर्थ भी होता है.

नवम्बर में भी कुशवाहा समाज को पीटा था पुलिस ने

आपको याद होगा कि कुशवाहा, नतीतीश कुमार के किसी भी बयान को राजनीतिक रंग दे देते हैं. ऐसे में अब यह तय है कि वह, खुद पर पड़ी लाठियों को कुशवाहा समाज पर चलाई गयी लाठियां बतायेंगे. वह कोशिश करेंगे कि इन लाठियों की चोट का राजनीतिक लाभ लें. अपने वोटर्स को नीतीश कुमार के खिलाफ खड़ा करने का उनको मौका मिलग गया है.
 

By Editor


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