In[googlemap src=”http://” ]उनकी साम्प्रदायिक मानसिकता की पहचान है।
मालूम हो कि सीतामढ़ी पुलिस ने पिछले दिनों पूर्वी चंपारण के चकिया के दो अल्पसंख्यक युवाओं को हिरासत में लिया था। आरोप है कि पुलिस ने उनकी बेरहमी से पिटाई की जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनकी मौत हो गई।
इस बीच आईजी नैयर हसनैन खान ने थाना अध्यक्ष समेत आठ पुलिसकर्मियों को मुअत्तल कर दिया है।
इससे पहले अक्टूबर में एक समोरदायिक उन्माद से भरी भीड़ ने जैनुल अंसारी नामक बुजुर्ग को पीट कर अधमरा कर दिया और आग लगा दी।
इसी मुद्दे पर तेजस्वी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि
नीतीश कुमार की पुलिस ने दो अल्पसंख्यक युवाओं को हिरासत में पीट-पीटकर मार डाला। कुछ दिन पहले इसी सीतामढ़ी में एक बुज़ुर्ग जैनुल अंसारी को उन्मादी भीड़ ने पीटकर और फिर पट्रोल डालकर ज़िंदा जलाया था।
यही है नीतीश जी की असली साम्प्रदायिक पहचान।इसलिए ही तो वो RSS से दूर नहीं रह पाते।