लालू प्रसाद ने ऐलान किया है कि वह जातीय जनगणणा के आंकड़े सार्वजनिक कराने के लिए (हनुमान की तरह) लम्बी पूंछ बढ़ा कर लंका दहन के लिए सड़क पर निकलेंगे.
उन्होंने कहा कि यह मंडल से भी बड़ा लंका कांड होगा. गौरतलब है कि 1990 के आसपास पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लागू करवाने के लिए देश भर में पिछड़ी जातियों ने आंदोलन किया था. इसका विरोध संघ और भाजपा कर रहे थे.
जातीय जनगणना की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग को ले कर लालू प्रसाद 13 जुलाई को राजभवन मार्च पर निकल रहे हैं.
लालू ने कहा कि सभी को चौकन्ना रहने की जरूरत है। देश खतरे में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वोट देने वालों को देश माफ नहीं करेगा। देश टूट के कगार पर है। तानाशाही नेतृत्व सामने है। केंद्र सरकार के मंत्रियों पर आरएसएस नजर रख रहा है। हर मंत्री के घर पर संघ का आदमी बैठा है। हर आने-जाने वालों पर नजर रखी जाती है, कौन घर में आया व किस ड्रेस में है। रामविलास पासवान का हाल ताड़ से गिरे खजूर पर अटके वाली हो गई है। उनमें सीएम बनने के सारे गुण हैं, भाजपा उन्हें या उपेंद्र या शाहनवाज को नेता घोषित करे.
मुझे घोटालेबाज कहा गया। व्यापम इतना बड़ा घोटाला है कि उसकी जांच के दायरे में आने वाले सभी का मर्डर हो रहा है। 47 लोग मारे जा चुके हैं। मेरी जगह कोई दूसरा होता तो उसका हार्ट फेल कर गया होता। मेरी ताकत को कोई दबा नहीं सकता है। मैं दूसरे पर कृपा नहीं कर रहा हूं।
सांप्रदायिकता से मुकाबले के लिए सब किया है। आज राजनीति की शुरुआत करने वाला हर व्यक्ति सबसे पहले लालू का नाम लेता है। जेल जाने वाला मुझ पर साजिश का आरोप लगाता है। अपराधी लोग अपराध मुक्त बिहार की बात कर रहे हैं।