-कॉमरेड सुनील मुखर्जी की 25 वीं पुण्यतिथि पर बोले सीपीआइ के राष्ट्रीय नेता
नौकरशाही डेस्क, पटना
आज पूरे देश पर फासीवाद का खतरा मंडरा रहा है. हम सभी को मिलकर ऐसी शक्तियों का मुकाबला करना होगा. ये बातें सपीआई के राष्ट्रीय नेता डी राजा ने कॉमरेड सुनील मुखर्जी की 25 वीं पुण्यतिथि पर केदार भवन में आयोजित कार्यक्रम में कही. उन्होंने कहा कि कॉमरेड मुखर्जी को सुनना हमेशा अच्छा लगता था. वे केवल सीपीआई की राष्ट्रीय नीतियां ही नहीं तैयार करते थे बल्कि राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सैद्धांतिक सवालों को प्रमुखता से उठाते थे. उन्होंने जिस साहस से सैद्धांतिक लड़ाईयां लड़ी वह अनुकरणीय है. सीपीआई के राज्य सचिव कॉमरेड सत्यनारायण सिंह ने कहा कि बिहार में वामपंथी आंदोलन में तीन धाराओं का संगम हुआ. सहजानंद सरस्वती द्वारा किसान आंदाेलन, छात्र आंदोलन और मजदूर आंदोलन का संगम होने के बाद और भी मजबूती आयी. सभी वाम, लोकतांत्रिक और जनवादी शक्तियों को एक करने में सहजानंद सरस्वती जी की उल्लेखनीय भूमिका थी. केदार दास श्रम और सामाजिक संस्थान के सचिव अजय कुमार ने बताया कि कॉमरेड मुखर्जी सीपीआई के 1939 से 1950 और 1978 से 84 के बिहार राज्य सचिव थे. उनके नेतृत्व में बढहिया टाल आंदोलन, छात्र आंदोलन प्रमुख थे. कार्यक्रम का संचालन अनीश अंकुर ने किया. वक्ताओं में खेमयू के राष्ट्रीय महासचिव नागेंद्र नाथ ओझा, उप महासचिव गुलजार सिंह गौरया, सीपीएम के राज्य सचिव अरुण मिश्रा, कॉमरेड मुखर्जी के सहयोगी कॉ चंद्रप्रकाश सिंह और कॉ मुखर्जी के नाती रोहिताव दास शामिल थे.