पूर्वी चंपारण जिले के हरसिद्धि में फर्जी प्रमाण पत्र पर कार्यरत 25 प्रखंड शिक्षकों पर गाज गिर ही गयी। जिला शिक्षा पदाधिकारी रामनंदन प्रसाद ने इन शिक्षकों को हटाने व इनके विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश हरसिद्धि के बीडीओ सह सचिव प्रखंड शिक्षक नियोजन इकाई को दिया है़। बीडीओ को लिखे पत्र में डीइओ ने कहा है कि इन शिक्षकों के प्रमाण-पत्र फर्जी हैं और ये फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नियोजित हैं। ऐसे शिक्षकों द्वारा अवैध रूप से नियुक्त होकर सरकारी राशि प्राप्त की जा रही है़। यह पूरी तरह वित्तीय धोखाधड़ी का मामला है़। संबंधित शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज कर राशि वसूलने की कार्रवाई की जाए।
नौकरशाही ब्यूरो
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अपने पत्र में डीइओ ने बताया है कि हरसिद्धि के यादवपुर ग्राम निवासी हरेश कुमार सिंह द्वारा इन शिक्षकों के फर्जी प्रमाण पत्र कर कार्यरत होने की सूचना दी गयी थी। इसी आधार पर डीपीओ, स्थापना द्वारा पत्रांक 844 के माध्यम से सचिव, परीक्षा नियामक प्राधिकार, उत्तर प्रदेश, इलाहाबाद को इन शिक्षकों का प्रमाण पत्र सत्यापन के लिए भेजा गया। जवाब में सचिव, परीक्षा नियामक प्राधिकार के पत्रांक 8685 के माध्यम से प्रमाण पत्रों को सत्य बताया गया। जबकि इन्हीं शिक्षकों के प्रमाण पत्रों के बारे में हरसिद्धि प्रखंड के नबरसा निवासी चंदेश्वर सहनी ने सूचना के अधिकार के तहत सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकार, उत्तर प्रदेश इलाहाबाद से वैधता के संबंध में सूचना की मांग की, तो सचिव ने अपने पत्रांक 509 व डाक के माध्यम से बताया कि ये सभी प्रमाण पत्र उनके कार्यालय द्वारा जारी नहीं किये गये हैं। इस प्रकार पत्र में भिन्नता होने पर विभाग संशय में आ गया था।
जिन पर हुई कार्रवाई
शिक्षक मो अरशद, उज्जवल कुमार वर्मा, बबिता कुमारी, संतोष कुमार, अभय कुमार, मनोज कुमार साह, ओमप्रकाश शर्मा, अभिनन्दन राय, संजीव कुमार राय, पूर्णिमा कुमारी, हरिकिशोर प्रसाद, मनीता कुमारी, उमेश राय, सुरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव रामेश्वर राम, मंजू श्री, अमित कुमार, महेश्वर प्रसाद, अमरेन्द्र प्रसाद चैधरी, रविरंजन कुमार भारती, अर्चना कुमारी, संजीव कुमार, सुनिल कुमार गुप्ता, राजीव कुमार राजू, उमाशंकर प्रसाद, राजीव कुमार पर कार्रवाई की गाज गिरी है।
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