12 मई को होने वाले पूर्वी चम्पारण सीट पर जद यू और राजद की कामयाबी का दारोमदार मुस्लिम मतदाताओं पर है दूसरी तरफ भाजपा मुस्लिम वोटों के बिखराव में अपनी कामयाबी देख रही है.
श्रीकांत सौरभ, मोतिहारी
पूर्वी चंपारण लोस का चुनाव 12 मई को है. और पूर्व में लगाए गए अनुमान के मुताबिक यहां भाजपा व जदयू के बीच सीधी लड़ाई दिखने लगी है. जिले में भाजपा का आधार वोट बैंक मजबूत ना होने और प्रत्याशी के प्रति नाराजगी के बावजूद नमो लहर के कारण पार्टी को वैश्य व क्षत्रिय का परंपरागत वोट के साथ ही हर वर्ग का थोड़ा बहुत समर्थन मिल रहा है.
वहीँ बिहार में 27 सीटों पर हुए चुनाव में अधिकतर जगहों पर भले ही राजद गठबंधन मुस्लिम व यादव (माई) समीकरण के दम पर मुख्य रूप से लड़ाई में है. लेकिन मोतिहारी में राजनीतिक समीकरण थोड़ा पेचीदा होने के कारण यह कार्ड नहीं चल पा रहा. इसकी वजह यहां राजद के मुकाबले जदयू का आधार वोट मजबूत होना है. दूसरी अहम बात यह भी है कि मोतिहारी भाकपा का पुराना गढ़ रहा. और जदयू से गठबंधन के चलते इसका फायदा भी मिलता दिख रहा है.
यदि मोतिहारी लोकसभा की बात विधानसभा स्तर पर करें. तो इसके तहत छह विस क्षेत्र आते हैं, पिपरा, केसरिया, कल्याणपुर, मोतिहारी, गोविन्दगंज व हरसिद्धि. और मिल रहे रुझान के मुताबिक पिपरा, केसरिया व कल्याणपुर में जहां जदयू के आगे रहने का आकलन है. इसके बाद भाजपा है. वहीँ मोतिहारी में त्रिकोणीय मुकाबला है. जबकि गोविन्दगंज में भाजपा के बाद जदयू का दूसरा स्थान रहेगा. हरसिद्धि में पहले स्थान पर राजद व दूसरे पर भाजपा के होने का अनुमान है.
वोटरों का आंकड़ा
यदि वोटर का आंकड़ा देखें तो यहां कुल 14.15 लाख मतदाता हैं. ऐसे में राजकीय औसत के मुताबिक 55 प्रतिशत भी वोट गिरे तो करीब 7 लाख वोट पड़ेंगे. यानी तीन लाख वोट किसी प्रत्याशी को मिल जाए तो वह चुनाव जीत जाएगा. इसी रस्साकशी में एक तरफ जहां भाजपा के राधामोहन सिंह 2 लाख ( वैश्य ) + 80 हजार ( क्षत्रिय ) + 1 लाख ( पिछड़ा व अति पिछड़ा वर्ग ) = 3.8 लाख वोट के साथ ही मोदी लहर के कारण अन्य वर्गों के मतदाताओं के सहारे अपनी डूबती नैया पार कराने की जद्दोजहद में है. वहीँ जदयू के अवनीश कुमार सिंह 2 लाख ( भूमिहार ) + 2 लाख ( महादलित व अतिपिछड़ा ) + 1.5 लाख ( मुस्लिम ) = 5.5 लाख वोट के साथ अन्य वोट भी जोड़कर अपनी जीत तय मान रहे हैं.
जबकि राजद के विनोद श्रीवास्तव 1.75 लाख ( यादव ) + 55 हजार ( कायस्थ ) + 1.5 लाख ( मुस्लिम ) = 3.8 लाख के साथ अन्य विरोधी मतों को भी अपने खेमे में जोड़कर भाजपा से तगड़ी लड़ाई की उम्मीद लगा रहे हैं. यानी मुस्लिम वोट को लेकर जदयू व राजद दोनों में खींचातानी चल रही है. लेकिन जिले के अनुभवी राजनीति विश्लेषकों की मानें तो मुस्लिम वोटर का रुख दस मई तक स्पष्ट हो जाएगा.