नोएडा प्लॉट आवंटन घोटाले में अनियमितताएं बरतने के आरोप में तीन साल की सजा पाई पूर्व भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी नीरा यादव की याचिका पर उच्चतम न्यायालय में आज सुनवाई नहीं हो सकी। अब इस पर शुक्रवार को सुनवाई होगी।
याचिका की सुनवाई शीर्ष अदालत की एक पीठ के सदस्य न्यायमूर्ति आर के अग्रवाल के सुनवाई से आज अलग हो जाने के कारण नहीं हो सकी। इसके बाद इस मामले को दूसरी खंडपीठ के समक्ष लगाया जाएगा और इसकी सुनवाई शुक्रवार को होगी। नीरा यादव ने न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका दायर की है तथा उन्हें दी गई तीन साल कैद की सजा के फैसले को रद्द करने और मामले में जमानत देने की मांग की है। नीरा यादव का कहना है कि उनका इस पूरे मामले में कोई रोल नहीं है। गौरतलब है कि नोएडा एंटरप्रिन्योर्स एसोसिएशन ने शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी। न्यायालय के आदेश पर सीबीआई ने 1971 बैच की इस आईएएस अधिकारी पर भूखंड आवंटित करने में अनियमितताएं बरतने के आरोप की जांच की थी और एक रिपोर्ट दर्ज की थी। दूसरे मामले में नीरा यादव पर अपनी पुत्रियों के लिए भूखंड आवंटित करने में अनियमितताएं बरतने का आरोप है।