पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की स्मृति में प्रताप फांउडेशन की ओर से राजीव नगर में आयोजित पुण्यतिथि के अवसर पर मरणोपरांत उन्हें भारत देने की मांग की गई. इस दौरान भारतीय जनता पार्टी किसान प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह भदोही (यूपी) ने कहा कि इंसानियत, मानवीय संवेदना के बगैर राजनीति और समाज को पूरा नहीं किया जा सकता है. स्वर्गीय चंद्रशेखर का मानना था कि हर व्यक्ति को अपनी धर्म और मर्यादा में रहा कर काम करना चाहिए. उन्होंने कहा किे इतिहास की गलत व्याख्या के कारण आज देश की सामाजिक समरसता खतरे में है. उन्होंने शूद्र को अछूत कहने वाले लोगों के बहिष्कार की भी बात कही.
नौकरशाही डेस्क
श्री मस्त ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर का मानना था कि लोकशाही में असहमति को सकती है, लेकिन देश की एकता अखंडता और राष्ट्रीयता में कोई विरोधाभास नहीं होना चाहिए. इसलिए जब आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जब मुख्यमंत्री भी नहीं थे, तब वे चंद्रशेखर से मिलने गए थे. तभी उन्होंने कहा था कि यह व्यक्ति एक दिन देश का नेतृत्व करेगा और देश को ऋषि और कृषि आगे ले जा सकता है. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के प्रचारक श्री सुबेदार जी ने कहा कि राजपूत समाज ही इस देश में समरसता कायम कर सकते हैं और समरसता से ही राष्ट्रवाद को मजबूत किया जा सकता है.
वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूर्व विधायक सह भाजपा नेता किशोर कुमार मुन्ना ने कहा कि चंद्रशेखर जैसे लोग राजनीति में कभी – कभी आते हैं. हमें चाहिए कि उनके कार्यों एवं आदर्शों को अपना कर राजनीतिक धारा को लाकर स्वच्छ कर राज्य और देश का विकास करे. मुन्ना ने प्रताप फाउंडेशन को शिक्षा के लिए एक लाख रूपए देने की घोषणा भी की. कार्यक्रम को पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ संजय पासवान, विधान सभा के पूर्व उपाध्यक्ष अमरेंद्र प्रताप सिंह, सांसद रामाकिशोर उर्फ रामा सिंह, प्रख्यात हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ आर एन सिंह ने भी संबोधित किया. कार्यक्रम में आगत लोगों का स्वागत वार्ड पार्षद श्रीमति धनराज देवी ने, संचालन श्री पवन राठौर ने और प्रस्ताव श्री राजेशु कुमार सिंह ने पेश किया. वहीं, कार्यक्रम में दीघा विधायक श्री संजीव चौरसिया, रालोसपा प्रवक्ता श्री मनोज लाल दास, ई. रविंद्र सिंह, प्रो. विनय बिहारी, श्रीमति विजया सिंह, प्रो. गणेश सिंह, श्री मिथिलेश सिंह, श्री के के सिंह समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे.