पूर्व समाज कल्याण मंत्री और सामाजिक कार्यकर्ता परवीन अमानुल्लाह ने कहा कि उनके मंत्रित्वकाल में राज्य के शेल्टर होम्स में हो रही अनियमितताओं की जानकारी राज्य के शीर्ष नेतृत्व को दी गयी गयी थी लेकिन सरकार ने इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।
श्रीमती अमानुल्ला ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम लिये बगैर कहा कि उनके मंत्रित्वकाल के दौरान राज्य के विभिन्न शेल्टर होम्स में वित्त समेत कई अनियमितताओं का पता चला था। उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री को सूचित भी किया था, लेकिन राज्य सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) को दिये जाने वाले कार्यो में निर्धारित नियमों और मापदंडों को काफी हद दरकिनार किया था। पूर्व मंत्री ने कहा कि उनके कार्यकाल में राज्य के कई शेल्टर होम्स में रहने वालों को अपर्याप्त भोजन, कपड़े समेत अन्य सुविधाओं की कमी की जानकारी मिली थी, लेकिन किसी भी जगह पर यौन शोषण के मामले सामने नहीं आये थे।
श्रीमती अमानुल्लाह ने राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की जांच में इरादे की कमी का आरोप लगाते हुए कहा कि उस दौरान अधिकारी केवल स्थानांतरित किए गए थे लेकिन उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई नहीं की गई थी। दिसम्बर 2010 से जनवरी 2014 तक राज्य की समाज कल्याण मंत्री रहीं श्रीमती अमानुल्लाह ने कहा कि इस दौरान अच्छे और ईमानदार अधिकारी भी अपने वरीय अधिकारियों के दबाव में संभवत: चुप रहे। उन्होंने कहा कि कथित तौर पर निर्धारित मापदंडों को पूरा नहीं करने के बावजूद एक ओल्ड एज होम को चलाने के लिए एनजीओ को काम दिया गया।