राजद के कद्दावर नेता विजय कृष्ण ट्रांसपोर्टर सत्येन्द्र सिंह हत्या-कांड में कसूरवार ठहरा दिये गये हैं. कोर्ट ने विजय कृष्ण के साथ उनके बेटे चाणक्य व दो अन्य को भी इस मामले में गुनाहगार तय किया है.
अदालत द्वारा दोषी ठहराये जाने के बाद विजय कृष्ण समेत सभी अभियुक्त पटना कोर्ट में न्यायिक हिरासतम में ले लिये गये हैं.
वरिष्ठ पत्रकार ज्ञानेश्वर का कहना है कि पूर्व सांसद रहे विजय कृष्ण लोकसभा चुनाव में कभी नीतीश कुमार को भी हरा चुके हैं . मारे गये सत्येन्द्र सिंह को विजय कृष्ण के काफी करीब माना जाता था. लेकिन कृष्ण के बेटे चाणक्य के साथ हुए झगड़े के बाद मौत के घाट उतार दिया गया था. घटना 23 मई,09 की है. लाश 11 जून,09 को पटना सिटी में गंगा नदी में मिली थी.
दूसरी बात है कि तब विजय कृष्ण राजद से जदयू में ही आये हुए थे. बाद में फिर राजद में वापस चले गये.
समझा जाता है कि चारा घोटाला मामले के बाद बिहार का यह पहला मामला है जिसमें कद्दावर नेता को किसी मामले में अदालत ने दोषी ठहराया है. नये कानून के तहत विजय कृष्ण की सबसे बड़ी परेशानी यह होगी कि अब वह 2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पायेंगे.
2009 में हुए हत्याकांड का आरोपी बनाये जाने के बाद अक्टूबर 2010 में विजय कृष्ण ने लालू प्रसाद की मौजदूगी में राष्ट्रीय जनता दल की सदस्यता ग्रहण कर ली थी. तब विजय कृष्ण ने नीतीश की कड़ी आलोचना करते हुए कहा था कि नीतीश ऐसे नेता हैं जो अपने ही सहयोगियों के साथ धोखा करते हैं. हालांकि कुछ लोगों का कहना था कि हत्याकांड में विजय कृष्ण को नीतीश कुमार से कोई मदद नहीं मिली तो वह राजद में शामिल हो गये थे.