राज्य सरकार ने पत्रकार पेंशन योजना के लिए पत्रकारों के नामों की सूची तैयार कर ली है। इसके लिए पत्रकारों की कमेटी भी गठित की जा रही है, जो पत्रकारों के नामों को लेकर अपनी सहमति या असहमति जाहिर करेगी। फिलहाल पत्रकारों को 5 हजार रुपये पेंशन के रूप में दिए जाएंगे। हालांकि प्रक्रिया पूरी होने में अभी समय लग सकता है।
वीरेंद्र यादव
मांझी सरकार ने की थी पहल
जीतनराम मांझी ने अपनी सरकार की विदाई के पूर्व पत्रकारों के लिए पेंशन योजना को स्वीकृति प्रदान कर दी थी। कैबिनेट की मंजूरी भी मिल गयी थी। लेकिन सरकार गिरने के साथ ही योजना के भविष्य को लेकर संशय बढ़ गया था। नीतीश सरकार के गठन के बाद मांझी सरकार के अन्य फैसलों के साथ पत्रकार पेंशन योजना को निरस्त कर दिया गया था। लेकिन बाद में नीतीश सरकार ने पत्रकार पेंशन योजना को नये सिरे से कैबिनेट से पास करवाया और उसी दिशा में अभी कार्रवाई चल रही है।
सूची में 80 से अधिक पत्रकारों के नाम
प्राप्त जानकारी के अनुसार, पत्रकार पेंशन योजना के लिए 80 से अधिक पत्रकारों के नामों की सूची है। इसमें झा-झा सरनेमधारी पत्रकारों की भरमार है। मिश्रा, पांडेय, तिवारी, सिंह, सिन्हा की भी बड़ी तादाद हैं। पत्रकारों के सामाजिक संरचना के अनुसार, गैरसवर्ण पत्रकारों की संख्या नगण्य है। इसकी वजह भी है कि इन वर्गों के लोग 1990 के पहले काफी कम संख्या में मीडिया के क्षेत्र में आ रहे थे। फिर आज की तारीख में पेंशन के हकदार होने के लिए जन्म तिथि 1955 के पहले की होनी चाहिए। इस कारण सूची पर सामाजिक संरचना को लेकर सवाल उठाया नहीं जा सकता है। खैर, पत्रकारों को पेंशन मिलने का सिलसिला जल्दी शुरू करने की कोशिश सरकार को करनी चाहिए, ताकि इसका लाभ जरूरतमंदों को मिल सके।