मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी अपने बयानों और नीतीश वंदना को लेकर पिछले कई दिनों से चर्चा में हैं। गठबंधन के नेतृत्व पर मच रहे बवाल के बीच मांझी बार-बार अपनी आस्था नीतीश कुमार में जता रहे हैं। यह नैतिकता भी और मजबूरी भी। यदि नीतीश ने मांझी को सत्ता सौंपी है तो वापस लेने का हक भी नीतीश कुमार को है। लेकिन जीतनराम मांझी नीतीश कुमार के प्रति अतिविश्वास जता कर नीतीश कुमार को कमजोर करने की राजनीति कर रहे हैं।
शनिवार को बिहार पृथ्वी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने एक पौधा लगाया और पौधों के संरक्षण का संकल्प स्कूली छात्रों को दिलाया। लेकिन इस मौके का उपयोग उन्होंने अपनी सत्ता को सुरक्षित रखने के लिए भी किया। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार आज भी हमारे नेता हैं और हमारी पार्टी के नेता वही रहेंगे। विधानसभा चुनाव के बाद गठबंधन के तीन दल मिलकर विधायक दल के नेता का चुनाव करेंगे। इस संबंध में हमारे बयानों को गलत ढंग से व्याख्या की जा रही है। भाजपा वाले भ्रम फैला रहे हैं और जनता को दिग्भ्रमित कर रहे हैं। इसके बावजूद आगामी विधान सभा चुनाव में हमारा गठबंधन जीतेगा।
इस मौके पर शिक्षा मंत्री वृषिण पटेल, वन एवं पर्यावरण मंत्री पीके शाही और खाद्य उपभोक्ता मंत्री श्याम रजक भी उपस्थित थे। आम तौर पर सार्वजनिक कार्यक्रमों से अलग रहने वाले मुख्यमंत्री के सचिव अतिश चंद्रा, पटना वनप्रमंडल पदाधिकारी व मुख्यमंत्री के ओएसडी डॉ गोपाल सिंह भी मौजूद थे। वन एवं पर्यावरण विभाग के प्रधान सचिव विवेक कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री को पीपल का पौधा भेंट कर मुख्यमंत्री को सम्मानित किया। इस मौके के शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन, जलसंसाधन विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह, प्रधान मुख्य वन संरक्षण बीए खान, डीके शुक्ला, एसएस चौधरी, हरियाली मिशन के निदेशक परशुराम राम भी मौजूद थे।