तमिलनाडु के वेल्लोर में समाज सुधारक ई.वी.रामास्वामी की प्रतिमा क्षतिग्रस्त करने की खबर पर जदयू नेता श्यामरजक ने दलितों के जमीर को झकझोड़ा है. रजक ने दलितों से कहा है कि तिल-तिल कर जीने से अच्छा है कि हम अपने अराध्य रामास्वामी पेरियार की प्रतिमा की रक्षा करें और संघर्ष में जान दे दें.
बिहार के पूर्व मंत्री ने कहा कि तमिलनाडु के वेल्लोर जिले में स्थापित हमलोग के अराध्य समाज सुधारक ई० वी० रामासामी पेरियार साहब की प्रतिमा के क्षतिग्रस्त का सामचार सुनकर मन विचलित हो गया। क्या इस भारतवर्ष में हम अपनें अराध्य देव की प्रतिमा भी सुरक्षित नहीं रख सकते हैं।
रजक ने कहा कि मनुवादियों द्वारा कभी बाबा साहेब अम्बेडकर की प्रतिमा को क्षति पहुँचाना और अब तो हद हो गयी पेरियार साहब की प्रतिमा को भी क्षतिग्रस्त किया गया है, मैं इस घटना की घोर निंदा करता हूँ.
उन्होंने कहा कि इधर कुछ वर्षों से मनुवादियों का मनोबल काफी उत्साहित हो रहा है। हमारे अधिकारों का भी हनन करनें की साजिश की जा रही है और एक दुरी तक वे सफल भी हो रहे हैं।
रजक ने कहा कि देश स्तर पर हर दिन दलितों पर अत्याचार, व्यभिचार के समाचर की संख्या बढ़ती जा रही है और हमलोग सिर्फ आँसु बहाकर कुंठित होते जा रहे हैं। हमारे महिषियों नें हमें स्वाभिमान से जीने का शस्त्र दिया है और हम दिनों-दिन कुंठित होते जा रहे हैं।
हम आराध्य महिषियों की प्रतिमा भी सुरक्षित नहीं रख पाते हैं तो, क्या हमारे मन में गुस्सा भीं नहीं आता है?
रजक ने कहा ‘ मेरा आग्रह होगा, उन समाज के वर्गों से जो शोषित हैं, पीड़ित हैं तथा जो इसकी लड़ाई लड़ रहे हैं’
रजक ने फेसबुक पर लिखा है – उठो! जागो! मिल बैठ कर विचार करो! संघर्ष की बुनियाद को खड़ा करो!
तिल-तिल कर जीनें से अच्छा है, संघर्ष करते मर जाना।