उच्चतम न्यायालय ने राजधानी में बढ़ते प्रदूषण को लेकर केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार की उदासीनता पर गहरी नाराजगी जताते हुए आज कहा कि हालात बेहद गंभीर हैं और प्रदूषण की वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राजधानी की छवि खराब हो रही है।
शीर्ष अदालत की एक पीठ ने पर्यावरण टैक्स से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की। पीठ की अध्यक्षता कर रहे मुख्य न्यायाधीश तीरथ सिंह ठाकुर ने कहा कि राजधानी में प्रदूषण की स्थिति चिंताजनक है। इस वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राजधानी की छवि खराब हो रही है। उन्होंने इस सिलसिले में पिछले हफ्ते यहां इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के अध्यक्ष की टिप्पणी का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि प्रदूषण के बारे में उनकी टिप्पणी से शर्म महसूस हो रही थी।
न्यायमूर्ति ठाकुर ने कहा कि जब भी कोई प्रतिनिधिमंडल बाहर से आता है तो प्रदूषण के बारे में जरूर जिक्र करता है, जिससे बेहद शर्मिंदगी महसूस होती है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार को आपस में मिल-बैठकर प्रदूषण कम करने को लेकर कोई ठोस उपाय निकालना चाहिए था, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं किया गया है। उन्होंने केजरीवाल सरकार की प्रस्तावित योजना के बारे में परोक्ष रूप से कहा कि अब जो सोचा जा रहा है वे आपातकालीन कदम हैं, कोई स्थायी हल नहीं है। इस मामले में अल्प, मध्यम और लंबी अवधि के लिए योजना बनाने की जरूरत है, लेकिन हैरानी की बात है कि किसी भी फोरम से इस समस्या से निपटने के लिए सुझाव नहीं आ रहे हैं।