मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में खुद को प्रधानमंत्री पद की दौड़ से बाहर बताया और कहा कि वह बेवकूफ नहीं हैं कि राजनीतिक यथार्थ को नहीं समझें।
श्री कुमार ने पटना में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनकी पार्टी जदयू एक छोटा दल है और वह इस जमीनी सच्चाई को समझते हैं। उन्होंने कहा कि जिस किसी में पार्टी या गठबंधन का नेतृत्व करने की क्षमता होगी और जो देश की जनता की उम्मीदों को पूरा कर सकता है, वह प्रधानमंत्री बन सकता है। मुख्यमंत्री का ध्यान जब उनके ही पूर्व में दिये गये उस बयान की ओर दिलाया गया, जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री बनने के सभी गुण उनमें मौजूद हैं, इसपर उन्होंने कहा कि ऐसा दावा उन्होंने कभी नहीं किया। पत्रकारों ने जब इस संबंध में कई और सवाल किये तब श्री कुमार ने कहा कि वह अपने वक्तव्य को लेकर गंभीर है और अभी मजाक के मूड में नहीं हैं। श्री कुमार ने कहा कि पांच वर्ष पूर्व नरेन्द्र मोदी को कौन जानता था लेकिन जनता को उनमें दिखा कि वह उनकी उम्मीदों को पूरा कर सकते हैं । उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में श्री मोदी प्रधानमंत्री बनने में सफल हो गये । श्री कुमार ने कहा प्रणव मुखर्जी को फिर से राष्ट्रपति बनाया जाता है तो यह अच्छा होगा लेकिन इसके लिए सर्वसम्मति बनाने की पहल केन्द्र सरकार को ही करनी होगी।