मोदी सरकार ने देश में स्वास्थ्य सेवा को बेहतर बनाने तथा बुनियादी ढांचे को मज़बूत बनाने के लिए प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना को 2020 तक बढ़ाने का फैसला किया है, जिसके तहत करीब 14,800 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। वर्ष 2003 में घोषित इस योजना के तहत 2006 से कुल 20 नए एम्स खोले जा रहे हैं और 73 मेडिकल कालेजों को विकसित किया जा रहा है। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार ने छह एम्स खोलने का फैसला किया था। ये एम्स भोपाल, भुवनेश्वर ,जोधपुर, पटना, रायपुर, ऋषिकेश में बनाये गए थे।
एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार छह चरणों में पूरी होने वाली इस योजना के दूसरे चरण(2009) में रायबरेली में और पश्चिम बंगाल में एम्स खोला जाना था। बंगाल के एम्स को चौथे चरण में हस्तांतरित किया गया था। तीसरे चरण (2013) में एक भी एम्स नहीं खोला गया। चौथे चरण(2014-15) में पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और पूर्वांचल में चार एम्स खोले गए। पांचवें चरण 2014-16 में जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, असम, तमिलनाडु और बिहार में सात एम्स खोले गए। लेकिन 2016-17 में एक भी एम्स नहीं खुला। 2017-18 में गुजरात तथा झारखंड में एम्स खुल रहे हैं। इस तरह कुल 20 एम्स खोले गए। 20 नए एम्स खुलने से हर एम्स में करीब तीन-तीन हज़ार कर्मचारियों को नौकरी मिलेगी। इसके अलावा इसके आस-पास के परिसरों में भी कई लोगों को दवाई की दुकानें, कैंटीन एवं बाज़ार खुलने से भी रोजगार मिलेगा। इन सभी नए एम्स का खर्चा केंद्र सरकार वहन करेगी।