भाजपा विधान मंडल दल के नेता सुशील कुमार मोदी ने दवा घोटाला प्रकरण में अपने पड़ोसी की निष्पक्षता पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि दवा घोटाले की जांच का जिम्मा स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार को दिया है। लेकिन क्या किसी अधिकारी की हिम्मत है कि वह पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ कोई रिपोर्ट दे सके। उल्लेखनीय है कि सुशील मोदी और स्वास्थ्य सचिव दीपक कुमार का आवास पोलो रोड में अलग-बगल में है।
बिहार ब्यूरो प्रमुख
आज पटना में जनता दरबार के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोदी ने नीतीश से ज्यादा दीपक कुमार को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि दीपक प्रसाद स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के साथ ही मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भी हैं। वह स्वयं जीतन राम मांझी के बजाय नीतीश कुमार को रिपोर्ट करते हैं। वैसी स्थिति में यह उम्मीद कैसे की जा सकती है कि दीपक कुमार निष्पक्ष होकर जांच करेंगे, वह भी तब, जब पूरा घोटाला नीतीश कुमार के स्वास्थ्य मंत्री के प्रभार में रहते हुआ है। मोदी ने कहा कि सवाल यह भी है कि जब सीएम खुद कह रहे हैं कि कोई घोटाला नहीं हुआ है तो उनके प्रधान सचिव की जांच कितनी विश्वसनीयता रह जाएगी।
मोदी ने कहा कि भाजपा के स्वास्थ्य मंत्री नंदकिशोर यादव व अश्विनी कुमार चौबे सीबीआई जांच के पक्ष हैं तो नीतीश कुमार सीबीआई जांच से क्यों डर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेंस व पारदर्शिता की बात करते हैं, जब खुद के फंसने की नौबत आयी तो चुपी साध लिए। मोदी ने कहा कि अब तक दवा घोटाले में शामिल एक भी व्यक्ति को निलंबित नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि लालू यादव के संपर्क में आने बाद नीतीश कुमार भी भ्रष्टाचार के सहयात्री बन गए हैं। उन्होंने लालू यादव पर भी प्रहार किया और कहा कि लालू यादव भी यही कहते थे कि चारा घोटाले से संबंधित किसी संचिका पर उनका हस्ताक्षर नहीं है।