मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने देश के अंदर रोजी-रोटी की तलाश में पलायन करने वालों के लिए ‘प्रवासी’ शब्द के इस्तेमाल पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यदि कोई बिहारी दिल्ली का मुख्यमंत्री बनता है तो उन्हें खुशी होगी । श्री कुमार ने पटना में जाने माने प्रत्रकार अरविंद मोहन की पुस्तक ‘बिहारी मजदूर की पीड़ा’ का लोकार्पण करते हुए कहा कि रोजी-रोटी की तलाश में यदि कोई अपना प्रांत छोड़कर देश के अंदर ही किसी अन्य प्रदेश में जाकर रहता है तो उसके लिए ‘प्रवासी’ शब्द का इस्तेमाल किया जाना सही नहीं है।
उन्होंने कहा कि पूरा देश एक है और ऐसे में यदि कोई दूसरे राज्य में जाकर बसता है तो उसे प्रवासी कहना गलत है। वह ‘प्रवासी’ की अवधारणा के खिलाफ हैं, जब तक यह किसी दूसरे देश में बसने वालों के लिए उपयोग नहीं किया जाता हैं। मुख्यमंत्री ने सवालिये लहजे में कहा कि क्या देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग मुद्रा का इस्तेमाल होता है। बिहार से किसी को भी देश के किसी हिस्से में जाकर बसने और वहां रोजी-रोटी कमाने का पूरा अधिकार है। उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी होगी यदि कोई बिहारी दिल्ली का मुख्यमंत्री और कनाडा का प्रधानमंत्री बनता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में उद्योगपति जब निवेश नहीं कर रहे हैं तो ऐसे में स्वभाविक है कि यहां से मजदूर उन राज्यों में रोजी-रोटी कमाने के लिये जायेंगे जहां निवेश किया जा रहा है । श्री कुमार ने कहा कि बिहार से दूसरे राज्यों में रोजी-रोटी कमाने के लिये मजदूर अब जाने में संकोच कर रहे हैं क्योंकि उन्हें अपने राज्य में अच्छा पारिश्रमिक मिल रहा है । उन्होंने कहा कि राज्य सरकार दूसरे राज्यों में कार्य कर रहे बिहारी मजदूरों को हर संभव सहायता करने के लिये तैयार है ।