रिजर्व बैंक ने बैंक ऑफ इंडिया समेत नौ सरकारी बैंकों को “प्राम्प्ट करेक्टिव ऐक्शन” की सूची में डाले जाने के बाद इनके बंद किए जाने पर सोशल मीडिया में चल रही खबरों पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि इससे बैंकों के सामान्य कामकाज पर किसी तरह का प्रभाव नहीं होगा। सोशल मीडिया पर बैंक ऑफ इंडिया के अलावा इंडियन ओवरसीज बैंक, आईडीबीआई बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, देना बैंक, कॉर्पोरेशन बैंक, यूको बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के बंद होने के संबंध में अफवाहें हैं।
केंद्रीय बैंक ने जारी स्पष्टीकरण में कहा कि रिजर्व बैंक को सोशल मीडिया के अलावा कई अन्य क्षेत्रों में ऐसी कई गलत खबरों के बारे में जानकारी मिली है, जिनमें कुछ सरकारी बैंकों के बंद किए जाने की बात कही गई है। प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन को लेकर ऐसी खबरें फैलायी जा रही है जो गलत है। केन्द्रीय बैंक ने कहा है कि इस कदम का उद्देश्य आम जन के लिए बैंकों के सामान्य कामकाज को किसी तरह रोकना नहीं होता है। उसने कहा की पर्यवेक्षक ढांचे के तहत हम बैंकों की वित्तीय स्थिति सुधाने के लिए ऐसे कदम उठाते हैं और यह उसी का ही एक हिस्सा है। इसका बैंकों के कामकाज पर किसी प्रकार का कोई प्रभाव नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ने फंसे हुए ऋण के चलते बैंक ऑफ इंडिया के नया ऋण जारी करने पर रोक लगा दी है।