छोटे उद्योगों को नयी तकनीक उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने 2200 करोड़ रुपए की लागत से 15 नए उपकरण कक्षों तथा प्रोद्यौगिकी विकास केन्द्रों की स्थापना और 18 केन्द्रों का उन्नयन करने की योजना बनाई है।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि इससे छोटे उद्योगों को नयी तकनीक उपलब्ध कराई जा सकेगी और उनकी जरुरतों के अनुरुप इसमें बदलाव किया जा सकेगा। पूरे देश में लागू होने वाली इस परियोजना की अनुमानित लागत 2200 करोड़ रुपये है जिसमें विश्व बैंक का 20 करोड़ डालर का भी ऋण शामिल है। उन्होंने बताया कि इन केंद्रों की स्थापना स्थानीय उद्योगों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर की जाएगी। इसमें परंपरागत उद्योग केंद्रों को ध्यान में रखा जाएगा।
इस परियोजना से पुराने उद्योगों को नयी तकनीक मिल सकेगी और उनकी उत्पादकता में वृद्धि होगी।
सूत्रों के अनुसार सरकार ने पूरे देश के 50 सौर चरखा मंडलों में सौर चरखा मिशन लागू करने का कार्यक्रम शुरू किया है। वर्ष 2018-2019और 2019-2020 के लिए इस योजना के लिए 550 करोड़ रुपये का अावंटन किया गया है। इससे लगभग एक लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार प्राप्त होगा। सरकार ने सौर चरखा इकाईयों को ग्रामीण उद्योग की श्रेणी दी है।