लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख और खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री राम विलास पासवान ने आज कहा कि सरकार पदोन्नति में आरक्षण के लाभ की व्यवस्था के पक्ष में है और जरुरी हुआ तो इसके लिए अध्यादेश भी लायेगी ।
श्री पासवान ने नई दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मंत्रियों के समूह ने भी पदोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था के पक्ष में अपनी राय जाहिर की है । मंत्रियों के इस समूह में गृह मंत्री राजनाथ सिंह , कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद , सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत और वह शामिल हैं । उन्होंने कहा कि पदोन्नति में आरक्षण के लाभ का किसी ने विरोध नहीं किया है, केवल उच्चतम न्यायालय ने कुछ शर्ते लगायी हैं, जिसके कारण पिछले कुछ समय से यह व्यवस्था बंद हो गयी है । सरकार एक बार फिर शीर्ष अदालत में अपना पक्ष रखेगी और उसके बाद भी स्थिति नहीं बदली तो अध्यादेश लाया जायेगा । उन्होंने कहा कि पदोन्नति में आरक्षण का लाभ बंद किये जाने से लोगों में असंतोष फैल रहा है और सरकार इस स्थिति को रोकना चाहती है ।
लोजपा नेता ने कहा कि पदोन्नति में आरक्षण के लाभ का विरोध सबसे पहले समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने किया था जिसके बाद विवाद बढता गया । उन्होंने कहा कि मोदी सरकार अनुसूचित जाति जनजाति के उत्थान के लिए हर संभव उपाय कर रही है और बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर को लेकर इस सरकार ने जितना किया है, उतना किसी सरकार ने नहीं किया है ।
श्री पासवान ने कहा कि उनकी पार्टी ऊंची जाति के गरीबों को भी सरकारी नौकरी में 15 प्रतिशत आरक्षण देने के पक्ष में है । आजादी के 70 साल बाद भी ऊंची जाति का गरीब वर्ग पिछड़ा हुआ है जिसे आरक्षण का लाभ देकर समाज की मुख्यधारा में जोड़ने का प्रयास किया जाना चाहिए ।