यह हाई कोर्ट के फटकार का असर है कि पहले तो सिटी एसपी से ट्रैफिक का अतिरिक्त पदभार वापस लिया गया अब अधिकारियों को ट्रैफिक ट्रेनिंग के लिए भेजा जा रहा है.
मालूम हो कि जनवरी के पहले हफ्ते में पटना हाई कोर्ट ने तत्कालीन ट्रैफिक एसपी जयंतकांत को जबर्दस्त फटकार लगाते हुए उनसे पूछा था कि क्या उन्होंने ट्रैफिक संबंधी ट्रैनिंग ली है? जयंत ने कहा था- नहीं. इसके बाद सरकार ने फुल टाइम ट्रैफिक एसपी के रूप में राजीव मिश्रा कि नियुक्ति की थी. कोर्ट ने यह भी कहा था कि ट्रैफिक नियमों के प्रशिक्षण के बिना ट्रैफिक कैसे सुधारा जा सकता है.
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लकिन अब पटना के ट्रैफिक से जुड़े 20 अधिकारियों को ट्रैनिंग के लिए फरीदाबाद भेजने पर सरकार तैयार हो गयी है. ट्रैफिक एसपी राजीव मिश्रा का कहना है कि जल्द ही 20 अधिकारी फरीदाबाद के इंडियन रोड ऐंड ट्रैफिक एजुकेशन नामक संस्थान में प्रशिक्षण लेने जायेंगे. राजीव मिश्रा का यह भी कहना है कि प्रशिक्षण प्राप्त कर लौटे ये अधिकारी ट्रैफिक पुलिस और होमगार्ड जवानों को ट्रैड करेंगे.
ध्यान रहे कि पिछले 4-5 सालों में पटना में ट्रैफिक की समस्या विकराल हो गयी है.
इस अवधि में सड़कों पर वाहनों की संख्या में दोगुणा से ज्यादा इजाफा हुआ है लेकिन सड़कों की चौड़ाई जस की तस है. नतीजा यह है कि शहर की शायद ही कोई ऐसी सड़क हो जहां जाम की स्थिति न हो. हालांकि ट्रैफिक विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रैफिक जाम की असल वजह नियमों का उल्लंघन करना है.
लेकिन अब ऐसा लगता है कि राजीव मिश्रा के नेतृत्व में पटनावासियों को कुछ राहत मिल सकती है.