राजधानी पटना में विभिन्न निजी संस्थानों के जरिए मेडिकल, इंजीनियरिंग समेत कई तरह के कोर्सेज की कथित फर्जी डिग्रियों के गोरखधंधे का भंडाफोड़ हुआ है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि राजधानी पटना के खाजपुरा स्थित रॉयल इंस्टीच्यूट में छापेमारी की गयी है। इस इंस्टीच्यूट में देश के कई निजी विश्वविद्यालयों से संबद्ध डिग्रियों को देने का भंडाफोड़ हुआ है। इस संस्थान के जरिए निजी विश्वविद्यालयों से मेडिकल, इंजीनियरिंग, बीएड समेत कई अन्य कोर्सेज के डिग्रियां घर बैठे दी जाने की शिकायत पर यह छोपमारी की गयी है। मामले का खुलासा होने के बाद पटना पुलिस की विशेष टीम राजधानी के कई अन्य इलाके में छापेमारी कर रही है।
दूसरी तरफ, निजी संस्थान का दावा है कि इंस्टीच्यूट के जरिए विभिन्न विश्वविद्यालयों से जारी की गयी डिग्रियां फर्जी नहीं हैं और इनका संबद्ध विवि में रिकार्ड में भी है। इस बात की भी आशंका है कि इन डिग्रियों को देने में देश के विभिन्न राज्यों में मौजूद विश्वविद्यालयों के कर्मचारी और अधिकारी शामिल हो सकते हैं। संस्थान के निदेशक इश्तियाक अहमद ने फर्जी डिग्री के आरोपों से इन्कार करते हुए कहा कि वे विभिन्न विश्वविद्यालयों के शिक्षण संस्थानों के अधिकृत सेंटर संचालित करते हैं।
वहीं, पूरे मामले के सामने आने के बाद बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर इसके लिए नीतीश सरकार को जिम्मेवार ठहराया है। उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार में फर्ज़ी डिग्रीयों की मंडी है। आप 20 हजार से लेकर चार लाख तक में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) से लेकर इंजीनियरिंग, डिप्लोमा एवं डिग्री, बीएड, एमबीए तथा बीए-एमए तक की कोई भी डिग्री ख़रीद सकते हैं।