सीआईडी ने अपने जांच नतीजे में कहा है कि मोकामा मुठभेड़ फर्जी था.मुठभेड़ को अंजाम देने वाले तत्कालीन थानेदार अशोक कुमार सिंह और दरोगा राजकिशोर चौधरी को गिरफ्तार कर लिया गया
जांच के दौरान इस बात के पुख्ता प्रमाण मिले कि राजू सिंह और अमर कुमार उर्फ राजा को गिरफ्त में लेने के बाद उनकी हत्या की गई थी.
मोकामा मुठभेर को अदालत में चुनौती देंगे परिजन
मालूम हो कि मोकामा के बाइपास रोड पर 31 मई की देर रात पुलिस ने दो अपराधियों को मुठभेड़ में मार गिराने का दावा किया था. मरने वालों की पहचान खगड़िया जिले के मथुरापुर गांव निवासी अशोक सिंह के लड़के राजू सिंह और सैदपुर गांव निवासी अमर कुमार उर्फ राजा के रूप में हुई.
थानेदार अशोक कुमार सिंह के बयान पर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई. पुलिस ने अपने घिसे पिटे अंदाज में दावा किया था कि वाहन चेकिंग के दौरान अपराधियों की गाड़ी को रोकने की कोशिश की गयी लेकिन उन लोगों ने पुलिस पर फायिरंग कर दी. फिर जवाब में पुलिस को गोली चलानी पड़ी जिसमें उनकी मौत हो गयी.
परिजनों ने इसे फर्जी मुठभेड़ करार देते हुए विरोधियों व पुलिसिया गठजोड़ का नतीजा बताते हुए उच्चस्तरीय जांच की मांग की थी.