मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण उत्पन्न करने वाले कारकों से आगाह करते हुये आज कहा कि राज्य के किसानों को खेतों में फसल अवशेष जलाने से हर हाल में रोकना होगा।
श्री कुमार ने पूर्वी चम्पारण जिला के हरसिद्धि प्रखंड के सोनबरसा गांव में जीविका दीदियों द्वारा की जाने वाली आलू अनुबंध खेती मॉडल का निरीक्षण करने के बाद कहा कि पंजाब-हरियाणा के खेतों में फसल के अवशेष में आग लगाने का प्रचलन धीरे-धीरे बिहार में भी बढ़ता जा रहा है। पंजाब और हरियाणा के किसानों के ऐसा करने से दिल्ली में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि बिहार में किसानों को फसल अवशेष जलाने से हर हाल में रोकना होगा नहीं तो पूरे राज्य में भयावह स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। इससे किसानों की तबाही बढ़ेगी और पर्यावरण भी प्रदूषित होगा।
मुख्यमंत्री ने जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि इस काम में कृषि कार्य में लगी जीविका दीदियों को लगायें ताकि वे किसानों को इसका नुकसान समझायें। साथ ही ऐसे सुझाव देने वाले लोगों को भी चिन्हित करें। उन्होंने कहा कि पहले रोहतास और कैमूर में यह देखने को मिलता था लेकिन अब तो पटना और नालंदा के किसान भी बड़ी संख्या में अपने खेतों में फसल अवशेष को जला रहे हैं। उन्होंने जीविका दीदियों से भी कहा कि खेतों में आग लगाने की प्रक्रिया बंद हो, इसके लिए वह अपने घर के साथ ही पड़ोस के लोगों को भी समझायें।