बिहार विधान चुनाव को लेकर पार्टियों ने भी तैयारी शुरू कर दी है। टिकट के संभावित दावेदार और राजनीतिक कार्यकर्ताओं की गतिविधियों पर नजर रखी जाने लगी है। उनकी सामाजिक सक्रियता और राजनीतिक सोच व प्रतिबद्धता का विश्लेषण भी किया जाने लगा है। इस काम के लिए पार्टियां नेताओं की राजनीतिक फाइलों के बदले उनकी सोशल मीडिया में एक्टिविटी व प्रोफाइल सर्च कर रही हैं। इसमें फेसबुक का वाल और पेज संभावित उम्मीदवारों का आइना साबित हो रहे हैं।
वीरेंद्र यादव, बिहार ब्यूरो प्रमुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी रणनीति की परिभाषा ही बदल दी है। कार्यकर्ताओं के साथ तकनीकी एक मजबूत हथियार बनकर उभरा है। इसका इस्तेमाल अब सभी पार्टियां करने लगी हैं। पिछले दिनों राजद के प्रदेश प्रवक्ता प्रगति मेहता ने पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं से आग्रह किया था कि वे लोग सोशल मीडिया में एक्टिव हों और फेसबुक जैसे माध्यमों के साथ जुड़े। तकनीकी रूप से भाजपा अन्य पार्टियों की तुलना में ज्यादा सक्षम है। भाजपा के प्रदेश कार्यालय में ज्ञानवर्धन मिश्र सोशल मीडिया की गतिविधियों पर नजर रखते हैं। भाजपा के सभी बड़े नेता सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं और नियमित रूप से पोस्ट भी डालते हैं।
नीतीश कुमार की इमेज बिल्डिंग के लिए जदयू ने भी अभियान चलाया है। ‘जय बिहार नीतीश कुमार’ के स्लोगन के साथ शुरू हुआ यह कंपेन काफी आगे बढ़ चुका है। विधान पार्षद रामवचन राय के साथ घनश्याम तिवारी व संतोष अशर जैसे युवा इस काम में एक्टिव हैं। इसके अलावा नीतीश कुमार के साथ विजय चौधरी, वशिष्ट नारायण सिंह, आरसीपी सिंह समेत कई नेताओं के फेसबुक पेज हैं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी, प्रवक्ता प्रेमचंद्र मिश्र, पूर्व सांसद शकील अहमद भी फेसबुक पर एक्टिव हैं। कांग्रेस ने सोशल मीडिया के नये टूल वाट्सअप पर भी अपना एकाउंट बना रखा है।
विभिन्न पार्टियों के बड़े नेताओं के अलावा दूसरे नेताओं ने भी सोशल मीडिया पर अपनी एक्टिवीटी बढ़ाई है। इस संबंध में पिछले दिनों हिन्दुस्तान पटना के पूर्व संपादक अकु श्रीवास्तव ने दिल्ली में मुलाकात के दौरान स्वीकार किया था कि बिहारी नेताओं की फेसबुक पर एक्टिविटी बढ़ गयी है। आगामी चुनाव में टिकट की आशा रखने वाले लोग भी अब फेसबुक पर अपनी जगह तलाश रहे हैं। ऐसे में कई प्रोफेशनल भी इस काम में जुट गए हैं। लगता है विधान सभा चुनाव से पहले फेसबुक पर एक प्रोफाइल युद्ध भी होगा और नयी तकनीकी का इस्तेमाल भी होगा।