प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि विश्व गुरु की भूमिका निभा चुके भारत की ओर 21वीं सदी की दुनिया निहार रही है। श्री मोदी ने बीएचयू के स्वतंत्रता भवन में अन्तर विश्वविद्यालय केन्द्र की आधारशिला रखने के बाद आयोजित एक समारोह में श्री मोदी ने कहा कि भारत ने विश्व गुरु की भूमिका निभाई है। देश को वह पुराना गौरव हासिल करना है और इसके लिए सभी को मिलजुल कर प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए योग और गाय पालन की पुरानी परम्परा को अपनाना होगा। उन्होंने कहा कि कला और संगीत हमारी मजबूत विरासत है। योग के साथ इन दोनों को लेकर हम अपनी संस्कृति को दुनिया के सामने और बेहतर बना सकते है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का संगीत मन डुलाता है, जबकि अन्य स्थलों के संगीत तन डुलाते हैं।
श्री मोदी ने कहा कि काशी में पर्यटक मां गंगा और भोले बाबा के कारण आते हैं, लेकिन वे यहां हम लोगों की व्यवस्था के कारण रुकेंगे। इसलिए व्यवस्था और दुरुस्त करनी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि तुलसीदास और कबीरदास जैसे लोगों के सम्बन्ध में स्कूल खुलने चाहिए। नाट्य मंचों के जरिये इनके बारे में छात्रों को जानकारी देनी चाहिए लेकिन आज स्थितियां बदली हैं। छात्र शिक्षक बनने से कतरा रहे हैं।
उन्होंने स्वच्छता अभियान को आर्थिक विकास का एक बड़ा कारण बताया और कहा कि गंदगी के कारण औसतन सात हजार रुपये प्रति व्यक्ति खर्च होता है। काशी के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक असि घाट में हुई साफ सफाई की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वच्छता अभियान को आगे बढाने में वह सभी के सहयोग का अभिनंदन करते हैं। श्री मोदी ने पं.मदन मोहन मालवीय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर उन्हें हृदय से बधाई दी। श्री मालवीय को उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और महान शिक्षाविद बताया तो श्री वाजपेयी को मां भारती का सपूत कहा।