शहाबुद्दीन समर्थक अब उनकी रिहाई के लिए भूख हड़ताल कर जान जोखिम में डालने पर आमादा हैं. मंगलवार को सीवान के सदर प्रखंड कार्यालय में धरना दे कर चेतावनी दी है कि लालू प्रसाद अगर उनकी रिहाई के लिए पहल नहीं करते हैं तो वे भूख हड़ताल व चक्का जाम आंदोलन शुरू करेंगे.
इसके लिए शहाबुद्दीन समर्थकों ने लालू प्रसाद को दस दिनों की मुहलत दी है.
धरना के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जम कर निशाना बनाते हुए कहा गया कि जेल से बाहर आ चुके पूर्व सांसद को 21 दिनों के भीतर दोबार जेल भेजने की साजिश उन्होंने ही की. इस दौरान नीतीश के खिलाफ खूब नारेबाजी की गयी. इतना ही नहीं धरनार्थियों ने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के खिलाफ भी नारेबाजी की.
धरने में राजद के सदर प्रखंड के अध्यक्ष परवेज आलम ने कहा कि दस दिनों के अंदर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने पहल नहीं की तो वे लोग न सिर्फ बगावत कर देंगे बल्कि अमरण अनसन और चक्का जाम भी करेंगे. परवेज ने कहा कि यहां राजद का मतलब सिर्फ और सिर्फ शहाबुद्दीन है और कोई नहीं. उन्होंने कहा कि शहाबुद्दीन नहीं तो हम भी नहीं.
गौरतलब है कि 30 सितम्बर , जिस दिन से शहाबुद्दीन फिर से जेल गये हैं तब से सीवान, गोपालगंज, गया दरभंगा आदि जगहों पर उनके समर्थकों ने जोरदार धरना प्रदर्शन किया है. पिछले दिनों शहाबुद्दीन समर्थकों ने एक प्रस्ताव पारित करके खुद राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को ही पार्टी से निकालने की मांग रखी थी.
याद रहे कि पिछले 10 सितम्बर को शहाबुद्दीन को पटना हाईकोर्ट ने जमानत पर रिहा कर दिया था. लेकिन बिहार सरकार ने उनकी जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी. इसके साथ राजीव रौशन के पिता चंदा बाबू ने भी इसी मामले में याचिका दायर की थी. तब सुप्रीम कोर्ट ने शहाबुद्दीन की जमानत रद कर दी थी और फिर वह 30 सिम्बर को जेल चेले गये.