जनता दल (यू)के अध्यक्ष शरद यादव ने जाति आधारित जनगणना में नौ करोड़ गलतियों को देखते हुए दोबारा जाति जनगणना कराने की सरकार से मांग की है।
श्री यादव ने नई दिल्ली में पत्रकारों से उन्होंने कहा कि दुनिया के किसी भी आयोग की रिपोर्ट में आज तक इतनी गलतियां नहीं हुई हैं। इतनी गलतियों के बाद इस तरह की जनगणना का कोई अर्थ नहीं रह गया है। इसलिए सरकार को फिर से जाति गणना करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने जाति जनगणना के आंकड़ों को तो जारी नहीं किया, पर हिन्दू मुस्लिम के आंकड़ों को जरूर जारी कर दिया। जाति जनगणना को सार्वजनिक करने की मांग राजग नेता लालू प्रसाद यादव तथा सपा नेता मुलायम सिंह भी करते रहे हैं। सरकार का कहना है कि वह जाति जनगणना में गलतियों को ही दूर करके इसके आंकडे जारी करेगी।
श्री यादव ने देश में बढ़ती बेरोजगारी पर गहरी चिन्ता व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा हर साल दो करोड़ लोगों को रोजगार देने का छलावा बताया है। उन्होंने गुजरात में हार्दिक पटेल के आंदोलन में आरक्षण की मांग का एक बार फिर विरोध किया है और कहा है कि इस मुद्दे पर उनकी पार्टी के नेता नीतीश कुमार के साथ कोई मतभेद नहीं है।