सीओ को फाइल लेकर कमिश्नर ने बुलवाया, गलती पकड़े जाने पर वहीं से कराया गिरफ्तार
पटना
यह कहानी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है. पहले कंकड़बाग के पावर सब स्टेशन की जमीन का म्यूटेशन किसी दूसरे व्यक्ति के नाम पर कर दिया गया. इस मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संज्ञान लेते हुए पटना के कमिश्नर आनंद किशोर को पूरे मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया. कमिश्नर ने बिजली बोर्ड के एमडी आर लक्ष्मणन, पटना के प्रभारी डीएम अजय कुमार, अपर समाहर्ता वजैनुद्दीन अंसारी के साथ इस मामले में जांच के लिए बैठक की. इसी दौरान अंचल अधिकारी शमीम मजहरी को म्यूटेशन की पूरी फाइल लेकर आने के लिए कहा गया. उनके साथ वह हल्का कर्मचारी अनिल कुमार लाल भी उपस्थित हुआ जिसने जांच कर रिपोर्ट तैयार की थी. अधिकारियों ने फाइलें देखी, जांच रिपोर्ट पर भी नजर दौड़ायी. इसमें यह पता चला कि दानापुर के देवेंद्र ने क्लेम कर दिया कि वह जमीन के मालिक का वंशज है और उसके नाम से यह जमीन का म्यूटेशन कर दिया गया. इसमें कर्मचारी और सीओ की सीधी मिलीभगत है, जांच में यह भी पता चला कि भूमि उप समाहर्ता यानी डीसीएलआर मिथिलेश कुमार ने लगान निर्धारण के लिए जमाबंदी खोलने का निर्देश दिया था. कमिश्नर ने डीसीएलआर मिथिलेश कुमार को भी प्राथमिकी दर्ज करते हुए गिरफ्तार करने का आदेश दिया है.
क्या कहते हैं कमिश्नर?
पटना के कमिश्नर आनंद किशोर ने बताया कि मुख्यमंत्री जी के निर्देश के बाद मामले की जांच करायी गयी है जिसमें गड़बड़ी की पुष्टि हुई है. सीओ और हल्का कर्मचारी ने पावर स्टेशन की जमीन को दूसरे के नाम पर म्यूटेशन कर दिया. वहीं डीसीएलआर ने लगान निर्धारण करने के लिए जमाबंदी खोलने का आदेश सीओ को दे दिया. सीओ और हल्का कर्मचारी को कार्यालय से ही गिरफ्तार करा दिया गया और डीसीएलआर पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया गया है.