सोशल मीडिया पर जोरदार अभियान का असर कामयाब हुआ है. पटना नाव हादसे की जांच टीम से डीएम संजय अग्रवाल का नाम हटाना तय हो गया है. नौकरशाही डॉट कॉम को पता चला है कि सोमवार को किसी भी वक्त इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी हो सकता है.
दर असल सोशल मीडिया पर लोगों ने सवाल उठाया था कि प्रशासन की लापरवाही से दुर्घटना हुई तो इसकी जांच टीम में पटना के डीएम को शामिल करना मजाक जैसा है. इस बीच राजद के विधायक भाई वीरेंद्र ने भी रविवार शाम को यह सवाल उठाया था. अब खबर है कि इस जांच टीम में संजय अग्रवाल शामिल नहीं होंगे.
उधर सीएम नीतीश कुमार ने अधिकारियों की दो घंटे तक मीटिंग ली और कहा कि दोषी कोई भी हो उसे बख्शा नहीं जाना चाहिए. इस हादसे की जांच डिजास्टर मैनेजमेंट के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत और डीआईजी शालीन करेंगे.
पटना डीएम को जांच टीम में शामिल किये जाने पर सामाजिक कार्यकर्ता विनीत कुमार समेत अनेक लोगों ने इसका विरोध किया था. विनीत ने फेसबुक पर लिखा था कि पटना नाव हादसे के दोषी जिला प्रशासन के मुखिया डीएम संजय अग्रवाल ख़ुद जाँच अधिकारी बने।क्या मज़ाक है। साथ ही किरणेश, रवि शंकर उपाध्याय, सिकंदरे आजम, सरोज कुमार, उमर अशरफ समेत अनेक लोगों ने संजय को जांच दल में शामलि किये जाने का विरोध किया था. गौरव अर्णय ने तो पटना के डीएम और पर्यटन विभाग के सचिव को बर्खास्त करने की मांग की.
प्रत्यय अमृत ने कहा कि उनकी टीम ने हादसे की जगह का मुआयना किया है और जांच की कार्रवाई शुरू कर दी गयी है. अमृत ने कहा कि जांच की रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी जायेगी.
गौरतलब है कि शनिवार को पतंगोत्सव के बाद पटना लौट रही नाव के पलटने से 24 लोगों की जान चली गयी थी.