राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी ने राज्य में मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और जदयू के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार के बीच सियासी उठापटक पर फैसले में देरी को लेकर उठाये रहे सवाल को गलत बताया और कहा कि ऐसे मामलों में फैसला लेने में समय लगता है।
श्री त्रिपाठी ने नई दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हर व्यक्ति चाहे गवर्नर हो या न्यायिक विशेषज्ञ विवादों के कानूनी पहलूों और तथ्यों पर विचार के लिए वक्त चाहिए। उन्होंने कहा कि नौ फरवरी को ही दोनों पक्ष ने उनसे मिलकर अपना दावा किया है और आज 11 तारीख ही है। इसलिए डेढ़ से दो दिन के अंदर ही सवाल खडा किया जाना गलत है। राज्यपाल ने कहा कि पटना उच्च न्यायालय ने आज इस मामले पर जो निर्णय सुनाया है उसकी प्रति का वह इंतजार कर रहे हैं। फैसले का अध्ययन कर वह उचित समय पर उनकी मांग पर निर्णय करेंगे।
नीतीश का नेता चुना जाना सही: शरद
जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पार्टी विधानमंडल का नेता चुना जाना सही और पार्टी के संविधान के अनुरुप है। श्री यादव ने पटना उच्च न्यायालय द्वारा श्री नीतीश कुमार को विधानमंडल के नेता के तौर पर नीतीश कुमार को मान्यता देने के आदेश पर रोक लगाने के फैसले पर कोई टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया। उन्होंने कहा कि अदालत के आदेश को देखने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि पार्टी संविधान में अध्यक्ष को सभी तरह के अधिकार दिये गये हैं और वह आपात स्थिति में हस्तक्षेप कर सकता है। इसी के तहत विधानमंडल दल की बैठक बुलायी गयी थी जिसमें श्री नीतीश कुमार को नेता चुना गया। उन्होंने कहा कि पार्टी अपने संविधान के तहत काम करती है।