टीम इण्डिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने नरेंद्र मोदी के उस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है जिसमें उन्होंने गांगुली भाजपा टिकट पर चुनाव लड़ने का आग्रह किया था.
जी मीडिया ब्यूरो की खबरों में बताया गया है कि गांगुली ने मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने पर खेल मंत्री बनने के प्रस्ताव को यह कहते हुए ठुकरा दिया कि उनकी जरूरत खेल के मैदान पर है न कि संसद में.
गांगुली ने कहा, `मैं चुनाव नहीं लड़ना चाहता और न ही राजनीति में शामिल होने की दिलचस्पी है. वह खुद को राजनीतिक गतिविधियों से दूर रखना चाहते हैं.`
एक प्रमुख बंगाली दैनिक में गांगुली के हवाले से कहा गया था, हां, मेरे पास भाजपा की ओर से चुनाव लड़ने का ऑफर आया था. गांगुली नवंबर के मध्य में एक मित्र के जरिए वरुण गांधी से मिले थे जिसके बाद उनके चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जा रही थीं.
बंगाल उन राज्यों में से एक है जहां भाजपा का वजूद नगण्य है.
पश्चिम बंगाल में लोकसभा की 42 सीटें हैं जिसमें भाजपा की एकमात्र सीट दार्जीलिंग में है. समझा जाता है कि गांगुली की विराट छवि के सहारे पश्चिम बंगाल में भाजपा अपना प्रभाव बनाने के लिए बहुत बड़ा दांव खेलने के फिराक में थी. और इसी के तहत भाजपा ने यहां तक घोषणा कर दी थी कि गागुली को खेलमंत्री का ताज सौंपा जायेगा.
लेकिन गागुली ने भाजपा को टका सा जवाब दे कर मोदी की रणनीति पर पानी फेर दिया है.