बिहार के बक्सर जिले के दर्जनों लोगों को यह पता भी नहीं कि वे  शराब के लाइसेंसधारी कारोबारी हैं, ऐसे में वे कानूनी दांवपेंच के शिकार हो सकते हैं. आखिर किन लोगों ने बक्सर के शरीफों को  बेबस कर दिया. आइए पढ़ें.

सांकेतिक फोटो
सांकेतिक फोटो

 

बब्लू उपाध्याय की रिपोर्ट, बक्सर से

गैर कानूनी धंधे तो कई तरह से अंजाम दिये जाते हैं पर बक्सर के कुछ आपराधिक चरित्र वाले शराब के अवैध कारोबारियों ने एक अनोखा नुस्खा अपनाया. इसके तहत उन्होंने वैसे लोगों अपना मुहरा बनाया जिनकी छवि सरकारी रिकार्ड में दागदार नहीं है और उन्हीं के नाम पर शराब दुकानों के लाइसेंस बनवा लिये.

बक्सर जिले मे अवैध शराब का कारोबार जोरो पर है। सरकारी शराब दुकानों की बंदोबस्ती के मामले मे भी बड़े पैमाने पर गोलमाल का खुलाशा हुआ है। पुलिस के अनुशंधान में जो बाते सामने आई है उसके मुताबिक ऐसे लोगों के नाम पर भी लाइसेंस ज़ारी किये गये हैं जिन्हे खुद इस बात का पता नहीं कि उनके नाम पर शराब की सरकारी दुकान भी है।

मामले में यह भी खुलाशा हुआ है कि इस धंधे मे बङे बडे माफिया और रसूखदार लोग शामील है जो सरकारी शराब दुकानो की आड़ मे मनी लॉन्ड्रिंग का काम कर रहे है। पुलिस की जाँच में बंदोबस्ती मे भारी पैमानें पर गडबडी हुयीं है। अनुशंधान में ये बाते सामने आई है कि सामने किसी और को रखकर पर्दे के पीछे से ये सारा खेल चल रहा है ताकि इन सरकारी दुकानो की आड़ में जिले के अंदर बनने वाले अवैध शराब को खपाया जा सके।

 फर्जी लाइसेंस

इस दिशा में जब बक्सर पुलिस ने कार्रवाई शुरू की तो कई आश्चर्यजनक खुलाशे हुए। पुलिस के अनुशंधान के दौरान ये पता चला की शराब दुकानो का लाइसेंस वैसे व्यक्तियों के नाम से भी जारी किया गया जिन्हे इस बात की खबर ही नहीं कि उनके नाम पर शराब दुकान का लाइसेंस भी है। जिले में शराब कारोबार में बड़े पैमाने पर फ़र्ज़ी लाइसेंस पर न केवल शराब की दुकाने चल रही है बल्कि अवैध शराब को सरकारी दुकानो में बेचने का भी कारोबार जोरो पर है। खास बात ये है की इस धंधे में वैसे लोगो की संलिप्तता ज्यादा सामने आई है जो अपराधिक चरित्र के व्यक्ति है और कई मामलो में आरोपी होने के साथ साथ जेल की भी हवा खा चुके है। फ़िलहाल पुलिस इस धंधे की आड़ मे अपनी जेबे मोटी करनेवालो पर कर्रवाई तेज़ कर दिया है। बक्सर एसपी बाबू राम ने बताया कि जिले मे अवैध शराब का कारोबार पुराना है और इसमें अपराधिक छबि के लोगो कि गहरी संलिप्तता है लिहाज़ा दोसियो को किसी भि हाल मे वख्शा नहीं जयेगा।

बक्सर जिले के सुदूर ग्रामीण इलाको में कई ऐसी शराब की अवैध फक्ट्रिया काम कर रही है जंहा से हर रोज हजारो लीटर अवैध शराब का उत्पादन किया जा रहा है। समय समय पर जिले में पुलिस के अलावे उत्पाद विभाग भी कार्रवाई करता रहा है। सूत्र बताते है ऐसे धंधो में लगे कारोबारियों की जड़े इतनी मजबूत है की इन तक पुलिस को पहुंचने में भी लम्बा वक़्त लग जाता है। शराब की सरकारी दुकानो में कारोबारियों की मिलीभगत से अवैध शराब को खपाया जाता है और बड़ी चतुराई के साथ आसानी से यंहा से शराब बेचीं जाती है।

इन्हें कुछ पता नहीं

इधर इस सम्बन्ध में उत्पाद निरीक्षक मनोज कुमार ने दुकानों के लाइसेंस में फर्जीवाड़े की बात से पूरी तरह से अंनभिज्ञता जाहिर की है।  बताते चले की पिछले दिनों उत्पाद विभाग की टीम ने जिला पुलिस के सहयोग से बगेन थाना क्षेत्र के बरुआ गांव में छापेमारी कर अवैध शराब के कारोबार का खुलाशा करते हुए शराब की चार अवैध फैक्ट्रियो को सील कर दिया था। इसके अलावे दस हजार लीटर शराब के साथ शराब निर्माण के लिए उपयोग में लाये जाने वाले 63 ड्रम को भी जप्त किया था। यूं कहे की शराब के काले कारोबार के प्रति जब बक्सर पुलिस ने जागरूकता दिखाई तो उत्पाद बिभाग के अधिकारियो की भी नींद खुली और कार्रवाई को तेज़ किया।

 

जिले में चल रहे अवैध शराब के कारोबार से एक तरफ जंहा इस धंधे से जुड़े लोग मालामाल हो रहे है तो वही दूसरी तरफ सरकार को राजस्व में नुकसान भी हो रहा है। इसके अलावे अवैध और नकली शराब के सेवन से जान का खतरा अलग बना रहता है। ऐसे में अगर पुलिस और उत्पाद विभाग एक ठोस रणनीति के तहत काम करे तो इस धंधे पर लगाम लगाया जा सकता है।

By Editor


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