नोटबंदी के 38 दिनों बाद भी पैसे की मारा-मारी से जहां आम लोगों की मुसीबतें कम नहीं हो रही हैं वहीं बिहार के पूर्व मंत्री व कांग्रेस के विधायक डॉ मोहम्मद जावेद ने मांग की है कि अपने ही पैसे नहीं निलकाल पाने की स्थिति में मोदी सरकार लोगों के बचत खाते पर फिक्सड डिपोजिट का ब्याज दे.
जावेद ने कहा कि बैंको के कारण नोट की कमी नहीं हुई है इसलिए इसकी जिम्मेदारी मोदी सरकार को लेनी होगी और उसे ही लोगों के बचत खाते पर फिक्सड डिपाजिट का ब्याज देने की घोषणा करनी चाहिए.
गौरतल है कि 8 नवम्बर को मोदी सरकार ने हजार व पांच सौ के नोटों के चलन को बंद करने की घोषणा की थी. इस दौरान 38 दिन बीत चुके हैं लेकिन लोगों को नये नोट मुहैया कराने में सरकार व बैंक बुरी तरह नाकाम रहे हैं.
डॉ. जावेद ने कहा कि चूंकि नोटबंदी के बाद से रिजर्व बैंक या कमर्शियल बैंकों की स्वायित्ता को मोदी सरकार ने ध्वस्त कर दिया है ऐसे में लोगों की अपनी गाढ़ी कमाई के पैसों को नहीं निकाल पाने की जिम्मेदारी भी पीएम नरेंद्र मोदी की है.
उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में मोदी सरकार को जिम्मेदारी स्वीकार करनी पड़ेगी . जावेद ने कहा कि दुनिया के किसी देश में ऐसा नहीं हुआ कि अपने ही पैसों के होते हुए लोग भूख, बीमारी और दीगर अति आवश्यक जरूरतों पर भी अपने पैसों को इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं.
जावेद ने इस स्थिति को भयावह बताते हुए कहा कि बिना तैयारी के नोटबंदी का फैसला मोदी सरकार को भारी पड़ेगा. उन्होंने कहा कि जनता अपने एक एक कष्ट का हिसाब लेगी.