अपनी पत्नी की हत्या के आरोपी दारोगा अचानक थाना छोड़ छुट्टी पर चले गये हैं, इधर अधिकारियों के विरोधाभासी बयान से लग रहा है कि उन्हें बचाने की कोशिश भी हो रही है.
विनायक विजेता
आरोपी पुलिस अधिकारी मुजफ्फरपुर के कटरा के थानाध्यक्ष हैं. उन पर आरोप है कि उन्होंने अपनी पत्नी को जहर दे कर मार डाला था. यह घटना तब की है जब वह पटना में पोस्टेड थे. इसके बाद सचिवालय डीएसपी ने सीएफएल रिपोर्ट के आधार पर उन्हें गिरफ्तार करने का आदेश जारी किया था. हालांकि पटना के सिटी एसपी जयंतकांत के इस बयान ने कि ‘उन्हें अभी एफएसएल की रिपोर्ट नहीं प्राप्त हुई है और रिपोर्ट मिलने के बाद उक्त आरोपित दारोगा की गिरफ्तारी की कार्रवाई की जाएगी।’ ने पुलिस के वरीय अधिकारियों को इस मामले में कटघरे में खड़ा कर दिया है।
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पटना के सचिवालय थाना के डीएसपी शिवली नोमानी ने जहां एफएसएल की रिपोर्ट और घटना के दिन आरोपित दरोगा अमित कुमार कौशिक के मोबाइल के सीडीआर रिपोर्ट के आधार पर 28 अप्रैल 2014 को अमित कौशिक की गिरफ्तारी का आदेश जारी किया था वहीं वर्तमान सिटी एसपी जयंतकांत द्वारा एफएसएल की रिपोर्ट नहीं मिले जाने की बात कहना इस पूरे मामले में पटना पुलिस के आलाधिकारियों को कटघरे में खड़ा कर रहा है।
सनद रहे कि एफएसएल (विधि विज्ञान प्रयोगशाला) ने बीते 6 मई 20013 को ही शास्त्रीनगर थाना को भेजी अपनी रिपोर्ट (पत्रांक-016383) में सोनी की मौत जहर से होने की पुष्टि की थी।
जहां तक पुलिस अधिकारियों की जांच रिपोर्ट की बात है तो किसी मामले की जांच रिपोर्ट की कॉपी सिटी एसपी और सीनियर एसपी को भेजी जाती है संभव है कि किसी साजिश के तहत सिटी एसपी जयंतकांत के सामने सचिवालय डीएसपी शिवली नोमानी द्वारा इस मामले में शास्त्रीनगर थाना में दर्ज मामले (353/12) प्रगति रिपोर्ट की फाइल ही पेश न की गई हो या तो फिर पुलिस के वरीय अधिकारी अपने एक कनीय अधिकारी, जो एक एक संगीन मामले में आरोपित है को बचाने की कोशिश कर रहे हों।
इधर इस संदर्भ में पूछे जाने पर मुजफ्फरपुर के एसएसपी रंजीत कुमार मिश्रा ने सोमवार को बताया कि आरोपित कटरा थाना के प्रभारी अमित कुमार कौशिक रविवार को ही आवेदन देकर लंबी छूट्टी पर चले गए हैं जिनके स्थान पर संजय कुमार को प्रभारी थानेदार बनाया गया है।
कड़क आईपीएस अधिकारी माने जाने वाले रंजीत कुमार मिश्रा ने कहा कि चुकि यह मामला पटना से जुड़ा है और अभी तक उन्हें पटना पुलिस या पटना पुलिस के अधिकारियों द्वारा इस संदर्भ में ना तो कोई जानकारी दी गई है और न ही किसी कार्रवाई का आग्रह किया गया है इसलिए वह पटना पुलिस व वरीय अधिकारियों व कोर्ट के आदेश की प्रतीक्षा कर रहें हैं।
उन्होंने कहा कि अगर आरोपित दारोगा की गिरफ्तारी के लिए पटना पुलिस मदद मांगेगी तो मुजफ्फरपुर पुलिस हर संभव मदद करेगी। सूत्र बताते हैं कि अखबारों में खबर छपने के बाद मुजफ्फरपुर के एसएसपी रंजीत कुमार मिश्रा ने पटना पुलिस के वरीय अधिकारियों से संपर्क भी साधा है। सूत्रों के अनुसार रविवार को लगभग सारे दैनिक अखबारों में अमित कौशिक के फरार होने के बाद भी एक थाने का थानेदार बने रहने की छपी खबर के बाद अमित अपने थाने के कनीय अधिकारियों से छूट्टी पर जाने की बात कह रविवार की सुबह ही थाने से निकल गए जिसके बाद से उनका कोई पता नहीं है। माना जा रहा है कि गिरफ्तारी के भय से अमित कौशिक छुट्टी के नाम पर भूमिगत हो गए और वह अब हाकोर्ट से अग्रिम जमानत पाने की कोशिश कर सकते हैं।