राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने देश के भविष्य के लिए बच्चों को बड़े सपने देखने के लिए प्रोत्साहित करने और उन्हें अपनी क्षमता का भरपूर इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित करने की आज सलाह दी।
बाल दिवस की पूर्व संध्या पर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को भेजे अपने संदेश में राष्ट्रपति ने कहा, “मुझे यह जानकर अत्यंत हर्ष हो रहा है कि 14 नवम्बर, 2015 को बाल दिवस के उपलक्ष्य में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय राष्ट्रीय अद्वितीय उपलब्धि पुरस्कार, 2015, राजीव गांधी मानव सेवा पुरस्कार, 2015 और राष्ट्रीय बाल कल्याण पुरस्कार, 2014 प्रदान कर रहा है।” उन्होंने कहा, “देश का भविष्य बच्चों पर निर्भर है। यदि उन्हें समुचित अवसर और दिशा-निर्देश दिए जाएं तो वे समाज और मानवता के लिए अपनी क्षमता का भरपूर इस्तेमाल कर सकते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि बच्चों को शिक्षा के समुचित अवसर मिलने चाहिए, उन्हें सकारात्मक माहौल प्रदान करके ऐसा मौका दिया जाना चाहिए कि वे अपने ज्ञान का विकास कर सकें ताकि आगे चलकर वे बेहतर मनुष्य बनें और जीवन का उद्देश्य तैयार कर सकें। हमें अपने बच्चों को प्रोत्साहित करना चाहिए कि वे देश के लिए बड़े सपने देखें और अपनी क्षमता का भरपूर इस्तेमाल करें।” श्री मुखर्जी ने लिखा है, “राष्ट्रीय बाल पुरस्कार समारोह हर साल आयोजित किया जाता है ताकि बच्चों की उपलब्धियों को मान्यता दी जा सके। इसके जरिये हम स्वर्गीय प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू को भी श्रद्धांजलि देते हैं और बच्चों के कल्याण में लगी संस्थाओं और व्यक्तियों की सेवाओं को भी रेखांकित करते हैं।