वित्तीय वर्ष 2016-17 के बजट निर्माण में आम लोगों की भागीदारी बढ़ेगी और उनकी अपेक्षाओं का विशेष ख्याल रखा जाएगा। बजट पूर्व होने वाली रायशुमारी की प्रक्रिया इस बार राजधानी से बाहर निकल कर प्रमंडलों तक जाएगी।
नौकरशाही ब्यूरो
प्रमंडल स्तर पर होगी बैठक
इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार, बजट निर्माण के पूर्व विषय विशेषज्ञों, डॉक्टरों, युवाओं, शिक्षाविदों आदि अलग-अलग श्रेणी के लोगों से वित्तमंत्री और वित्त विभाग के वरीय अधिकारी बैठक करते रहे हैं। बजट पर उनकी राय व प्राथमिकता के संबंध में जानकारी लेने की परंपरा रही है। नीतीश कुमार के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट को जनोन्मुखी बनाने की दिशा में पहल शुरू हो गयी है। इस बार सरकार प्रमंडल स्तर पर बैठक कर विभिन्न वर्गों की राय लेगी और उसमें किसानों और छोटे व मझौले व्यवसायियों को भी शामिल किया जाएगा। इससे बजट में आम लोगों की रुचि और भागीदारी बढ़ेगी तथा बजट को जनोन्मुखी बनाने के संबंध में व्यावहारिक सुझाव भी आएंगे।
बैठक में व्यस्त हैं वित्त सचिव
हालांकि मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक के कारण वित्त विभाग के प्रधान सचिव की व्यस्तता बढ़ गयी है। उनकी प्राथमिकता समीक्षा बैठक के उठने वाले मुद्दों को लेकर वित्त विभाग की भूमिका है। इसलिए माना जा रहा है कि बजट पूर्व बैठक जनवरी के पहले सप्ताह में शुरू हो जाएगी और करीब एक पखबारे भर बैठकों का दौर चलेगा। माना जा रहा है कि इन बैठकों में उठने वाले मुद्दों को बजट की प्राथमिकताओं में शामिल किया जाएगा।