राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) सुप्रीमो सोमवार को बड़ा ऐलान कर सकते हैं. उन्होंने 12.30 बजे प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की है. समझा जाता है कि एनडीए से सकारात्मक संकेत नहीं मिलने के बाद वह कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं.

इससे पहले सीट शेयरिंग के मामले पर भाजपा अध्यक अमितशाह और प्रधान मंत्री मोदी से उन्हें समय नहीं मिलने पर उन्होंने कहा था कि 30 नवम्बर तक की डेडलाइन है. अगर इस बीच भाजपा नेता से मुलाकात हुई तो ठीक है वरना वह अपना फसला लेने को स्वतंत्र होंगे.
लेकिन अब यह लगभग साफ हो चुका है कि वह कोई बड़ा फैसला लेंगे. संभव है कि केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दें और अपनी पार्टी को एनडीए से अलग करने की घोषणा कर दें.
उधर राजद के सूत्रों से जो जानकारी मिली है उससे ऐसा लग रहा है कि कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी महागठबंधन में शामलि हो सकती है.
हालांकि इस ्बीच कुशवहा ने नीतीश कुमार के सामने शर्त रखी है कि शिका में सुधार के लिए वह तैयार हो जायें तो वह एनडीए में रह सकते हैं लेकिन कुशवाहा की शर्त ऐसी है जैसे ना नौ मन तेल होगा ना राधा नाचेगी.
विदित हो कि उपेंद्र कुशवाहा राजग और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष प्रस्ताव रखा है कि अगर राज्य सरकार शिक्षा में को ले उनकी 25 सूत्री मांगों को लागू कर दें तो वे राजग में रहेंगे। कुशवाहा जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राजग में शामिल होने के पहले से बिहार में शिक्षा सुधार का अभियान चला रहे हैं। आम आदमी से जुड़े इस मुद्दे को सामने रख कुशवाहा ने राजग में अपना नया दांव चला है।
कुशवाहा ने विभिन्न स्तर पर शिक्षकों की नियुक्ति तथा उनकी पात्रता के लिए ऑनलाइन व्यवस्था करने की मांग रखी है। साथ ही साल 2003 और उसके बाद के शिक्षकों के पुर्नमूल्यांकन कराने की शर्त रखी जिसे मानन संभव नहीं है.