‘बड़े भाई साहब’ नाटक में अनीश अंकुर ने जहां बड़े भाई होने के अतिरेक को बखूबी निभाया वहीं जयप्रकाश ने छोटे भाई की चंचलता की कसौटी पर खुद को खरा साबित किया.
पटना के रवींद्र भवन में रविवार को पेश इस नाटक में, लगातार अपनी कक्षा में फेल होने वाले बड़े भाई साहब के रूप में अनीश अंकुर जब अपने बड़े होने का वास्ता दे रहे थे तो जय प्रकाश जेपी एक वास्तविक छोटे भाई की तरह अपनी हथेलियां मलते हुए यह साबित करने में सफल रहे कि वह एक मंझे हुए कलाकार हैं.
अनीश के डायलॉग की अदायकी संतुलित और नेचुरल थी तो जय प्रकाश का किरदार भी सटीक रहा. प्रेम चंद की कहानी को सराहनीय तरीके से दोनों कलाकारों ने नाटकीयता प्रदान की तो दर्शकों ने तालियों से उनका हौसला भी बढ़ाया.
हालांकि अभियान सांस्कृतिक मंच के इस नाटक के निर्देशक द्वारा कम समय में इसे निपटा देना दर्शकों को खला.
इस नाटक को देखने वालों की हालांकि कोई खास भीड़ नहीं थी. शायद आयोजकों ने इसके प्रचार-प्रसार में कोताही की. लेकिन जितने दर्शक यहां मौजूद थे वह निश्चित रूप से गंभीर और पारखी थे.
इस अवसर पर पत्रकार अरुण सिंह, निगरानी विभाग एएसपी सुशील कुमार, कार्टूनिस्ट पवन, साहित्यकार मुसाफिर बैठा, अरुण नारायण, सामाजिक कार्यकर्ता गालिब खान, फोटो ग्राफर ओसामा खान के अलावा पटना रिपब्लिक के अनेक सदस्यों के अलावा कई लोग मैजूद थे.