कोई उत्तर प्रदेश पुलिस वालों की वर्दी का चिथड़ा-चिथड़ा उड़ा देता है तो कोई कनपट्टी पर बंदूक तान रहा है.पुलिस के पस्त होते हौसले का जिम्मेदार कौन? पढ़िए पूरी दास्तान.
सुरिन्दर पाल सिंह, लखनऊ से
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अकसर सूबे की जनता को अपराध मुक्त वातावरण प्रदान करने का दावा करते हैं लेकिन अपराधियों पर शिकंजा कसने वाली पुलिस ही महफूज़ नहीं है.
अपराधी इस कदर बेखौफ हो चुके हैं कि वे हर रोज़ पुलिसकर्मियों पर हमले कर रहे हैं. लेकिन आश्चर्य की बात है कि अब तक सरकार ने कुछ भी ऐसा नहीं किया जिससे पुलिस का सौसला बढ़ सके.
रोज़ाना हो रहे इन हमलों से यह बात तो साफ है कि अपराधियों में अब पुलिस का रत्ती भर भी खौफ नहीं रहा.सूबे की राजधानी के अलावा कई अन्य जिलों में पुलिस वालों पर हाल ही में हुए हमले इस बात के गवाह हैं.
प्रतापगढ़ जिले में सीओ जिया-उल-हक की हत्या के बाद से पुलिस हमलों की घटनाएं बढ़ती ही जा रही हैं.पिछले चार महीनों में पुलिस पर होने वाले हमलों की घटनाओं के ग्राफ में बेतहाशा वृद्धि हुई है. ज़रा-ज़रा सी बात पर अपराधी पुलिस वालों पर हाथ उठा देते हैं. यहीं नहीं इनमें से कुछ तो अपने आपको सत्ताधारी पार्टी का नेता या कार्यकर्ता बताकर पुलिस वालों की वर्दी उतरवा लेने तक की धमकी दे डालते हैं.
इन हालात में पुलिस को भी उन पर कार्रवाई करने के लिए कई बार सोचना पड़ता है. बीते दिनों राजधानी में कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जिनमें पुलिस के हस्तक्षेप करने पर आरोपियों ने अपने आपको सत्ताधारी पार्टी का नेता या फिर कार्यकर्ता बताकर पुलिसकर्मियों को धमकाया.
अपराधियों की ऊंची पहुंच के आगे पुलिस नतमस्तक हो जाती है. सत्ता में अच्छी धमक और अपराधियों की सनक सूबे की पुलिस पर हावी है.
अभी मंगलवार की ही बात है जब हापुड़ में शराब की तस्करी करने वाले माफिया की दुकान पर दबिश देने गए सीओ( डीएसपी) पर माफिया के गुर्गों ने हमला कर दिया. हमले में सीओ गम्भीर रूप से घायल हो गए. एटा में गोकशों को पकड़ने गई पुलिस टीम पर गोकशों ने हमला कर दिया. हमले में थानाध्यक्ष सहित आधा दर्जन पुलिसकर्मी घायल हो गए.
इससे पहले सोमवार को फिरोजाबाद जिले के जसराना इलाके में गश्त कर रहे सिपाही को अपराधियों ने गोली मार दी. प्रदेश भर में प्रतिदिन ऐस घटनाएं सामने आ रही हैं.
लखनऊ पुलिस भी महफूज नहीं
राजधानी में भी पुलिस पर ताबड़तोड़ हमले किए जा रहे हैं. हाल ही में ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं.
नाका इलाके में रात के समय गश्त कर रही पुलिस टीम पर अपराधियों ने बम से हमला कर दिया. हमले में होमगार्ड सहित चार लोग घायल हो गए. मानकनगर इलाके में शराबियों के विरूद्ध चलाए जा रहे अभियान के दौरान बीयर बार के मालिक ने दरोगा और सिपाही पर अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर तान दी. इतना ही नहीं उसने उनकी वर्दी तक फाड़ दी. और तो और वर्दी उतरवाने की धमकी तक दे डाली.
चिनहट इलाके में नशे में धुत दो रईसजादों को रोककर उनसे पूछताछ करना भी पुलिस को भारी पड़ा. उन्होंने पुलिसवालों के साथ अभद्रता की और देख लेने की धमकी दी. ऐसा ही एक मामला हजरतगंज इलाके में स्थित परिवर्तन चैक पर सामने आया. यहां पर शराब पीने से मना करने पर रईसजादों ने दरोगा और सिपाही की जमकर पिटाई की.
सवाल यह उठता है कि प्रदेश में अपराध मुक्त वातावरण पैदा करने का जो दावा मुख्यमंत्री अक्सर करते हैं वह कभी पूरा हो भी सकेगा? या फिर सत्ता में ऊंची पहुंच रखने वालों और बेखौफ अपराधियों के सामने यूं ही पुलिस का हौसला पस्त किया जाता रहेगा?